Coronavirus Effect: स्कूल-कॉलेजों के छात्र करेंगे Online Study, घर पहुंचेगा Mid day meal
Coronavirus के चलते स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को बंद हैैं। इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। उनकी पढ़ाई आनलाइन पूरी की जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। Coronavirus के चलते स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को बंद हैैं। इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने उच्चतर शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा विभाग को Online mechanism तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिससे कि छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा कराया जा सके जा सके। वहीं, स्कूली छात्रों को मिड-डे-मील का राशन अब उनके घर पर पहुंचाया जाएगा। साथ ही खाना पकाने के पैसे भी खाते में आएंगे।
मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेशों में शिक्षा
विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट और ऑनलाइन चैनल के जरिए छात्रों को उनका सिलेबस पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा ऑडियो-वीडियो के जरिए भी पाठ्य सामग्री छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी। मौलिक शिक्षा निदेशक ने 17 जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि मिड-डे मील का राशन पैकेट में तैयार कर छात्रों के घरों में पहुंचाया जाए। अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह, पलवल, पानीपत, पंचकूला, रेवाड़ी, सिरसा और यमुनानगर में प्राथमिक छात्रों को एक किलो गेहूं व चावल और आठवीं के छात्रों को डेढ़ किलो गेहूं व चावल दिया जाएगा। पांचवीं तक के बच्चों के लिए कुकिंग कॉस्ट के रूप में 44 रुपये 80 पैसे तथा अपर प्राथमिक छात्रों को 67 रुपये उनके खाते में डाले जाएंगे।
सरकारी स्कूलों में पुनर्नियुक्ति पर लगे शिक्षकों की छुट्टी
सरकारी स्कूलों में पुनर्नियुक्ति पर लगे सभी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर(पीजीटी), ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) की छुट्टी होगी। इन शिक्षकों को रिलीव नहीं कर रहे स्कूल मुखियाओं पर शिक्षा निदेशालय सख्त हो गया है।
पोर्टल पर पुनर्नियुक्त शिक्षकों का खाता बंद करते हुए स्कूल मुखियाओं को चेतावनी दी गई है कि शिक्षकों को नहीं हटाया तो अपनी जेब से वेतन देना होगा। शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए हैं।
सुगम शिक्षा नीति के तहत रिटायर्ड शिक्षकों को पुनः नियुक्ति दी गई थी। इन्हें हटाने के निर्देश शिक्षा निदेशालय से कई बार जारी हो चुके, इसके बावजूद कई स्कूल मुखिया इस पर एक्शन नहीं ले रहे। शनिवार को निदेशालय ने ईआरटीएस पोर्टल बंद कर दिया। अब अगर कोई स्कूल मुखिया इन शिक्षकों को कार्यभार मुक्त नहीं करता है, तो जवाब देही उनकी होगी।
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