कोरोना ने रोका अफसरों का विदेश में सैर-सपाटा, अर्जियों की बाढ़ लेकिन सरकार ने लगाई पाबंदी
हरियाणा के अधिकारियों की विदेश यात्रा पर कोरोना के कारण राेक लग गई है। हरियाणा सरकार ने अफसरों व कर्मचारियों की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी है।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। गर्मियां शुरू होते ही कई सरकारी कर्मचारियों और अफसरों में विदेश जाने का कीड़ा कुलबुलाने लगा है। हर महकमे में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अर्जियां लगाकर विदेश जाने की अनुमति मांगी है। प्रदेश सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए अफसरों और कर्मचारियों के विदेश दौरों पर दो महीने तक रोक लगा दी है। लॉकडाउन का हवाला देते हुए सभी जिलों में निर्देश जारी किए गए हैं कि यात्रा की अनुमति मांग रहे कर्मचारियों की दरख्वास्त को मुख्यालय में अग्रसारित न किया जाए।
लॉकडाउन व अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने के बावजूद निदेशालय में विदेश यात्रा को अर्जियों की लगी झड़ी
लॉकडाउन के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद हैं। ज्यादातर महकमों में महामारी से बचाव के लिए ग्रुप-सी और डी के दो तिहाई कर्मचारियों को वर्क एट होम के लिए कहा गया है। इसके बावजूद वैश्विक बीमारी के खतरे को दरकिनार कर सैकड़ों कर्मचारी और अफसरों ने निदेशालय से विदेश यात्रा की अनुमति मांगी हैं।
सरकार की दोटूक, दो महीने के लिए विदेश नहीं जा सकता कोई सरकारी कर्मचारी और अफसर
इसमें भी सर्वाधिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं। स्कूल मुखियाओं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों (पीजीटी), टे्रंड ग्रेजुएट शिक्षक (टीजीटी) और जूनियर बेसिक ट्रेंड पीजीटी), टे्रंड ग्रेजुएट शिक्षक (जेबीटी) ने विदेश जाने के लिए शिक्षा निदेशालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मांगा है।
एनओसी के लिए तर्क भी अलग-अलग हैं। किसी को महामारी में विदेश में फंसे भाई या बेटे से मिलने जाना है तो किसी के विदेश में माता या पिता बीमार हैं। हालांकि कुछ ने बड़ी साफगोई से विदेश घूमने की इच्छा जताते हुए अपनी फाइल पर टूरिज्म लिखा है। अधिकतर कर्मचारियों ने न्यूजीलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दुबई सहित अन्य देशों में जाने की मंजूरी मांगी है।
दरअसल सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को विदेश जाने से पहले मुख्यालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। एनओसी मिलने के बाद ही वे सैर-सपाटे या फिर अन्य कार्यों के लिए विदेश जा सकते हैं। एनओसी के लिए करंट बॉस के पास आवेदन करना होता है जिसके बाद फाइल विभिन्न चरणों से होती हुई निदेशक के पास पहुंचती है।
इन शर्तों पर मिलती विदेश जाने की मंजूरी
निदेशक से छुट्टी मंजूर होने के बाद ही सरकारी कर्मचारी विदेश जा सकते हैं। विदेश यात्रा से पहले चार्ज हैंडओवर करना पड़ेगा और दूसरे देश में जाकर किसी भी तरह की नौकरी नहीं कर सकते। विदेश दौरे का राज्य सरकार पर किसी तरह का वित्तीय बोझ नहीं पड़ना चाहिए और न ही सरकारी रिकार्ड प्रभावित हो। विदेश में रहने के दौरान छुट्टी को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
अर्जियों पर नहीं होगा विचार
मौलिक शिक्षा निदेशक प्रदीप कुमार ने बताया कि महकमे में कई शिक्षकों ने विदेश जाने के लिए अनुमति मांगी है। अभी राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन है और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी संचालित नहीं की जा रही। इसलिए सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे विदेश यात्रा की मंजूरी संबंधी कोई फाइल मुख्यालय न भेजें।
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