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नगर निगम चुनाव में सीधे नहीं उतरेगी कांग्रेस, अशोक तंवर को लगा तगड़ा झटका

हरियाणा में 16 पांच नगर निगम चुनाव में कांग्रेस सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगी। यह फैसला आज नई दिल्‍ली में हुई पार्टी नेताओं की बैठक में किया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 04:05 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 04:05 PM (IST)
नगर निगम चुनाव में सीधे नहीं उतरेगी कांग्रेस, अशोक तंवर को लगा तगड़ा झटका
नगर निगम चुनाव में सीधे नहीं उतरेगी कांग्रेस, अशोक तंवर को लगा तगड़ा झटका

नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणा में पांच नगर निगम चुनाव में कांग्रेस सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगी। राज्‍य में 16 दिसंबर को होने वाले नगर निगम के चुनावों में भाजपा सहित इनेलो-बसपा पहले ही सिंबल पर चुनाव लड़ने का निर्णय कर चुकी हैं। लेकिन, कांग्रेस ने इस चुनाव में सीधे नहीं उतरने का फैसला किया। पार्टी का यह निर्णय प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष डॉ. अशोक तंवर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पीसी चाको के साथ राज्य कांग्रेस नेताओं की बैठक में हुअा निर्णय

बृहस्पतिवार को नई दिल्ली स्थित 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस के वाररूम में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको की अध्यक्षता में इस बाबत बैठक हुई। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, राज्य कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने हिस्सा लिया। बैठक में सिर्फ प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर ने पांचों नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ने का प्रस्ताव रखा, ले‍किन चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

16 दिसंबर को होगा राज्य में पांच नगर निगम का चुनाव

बैठक के बाद पीसी चाको ने इसमें किए गए निर्णय की जानकारी पत्रकारों को दी। बता दें, करनाल, रोहतक, हिसार, यमुनानगर और पानीपत नगर निगम के चुनाव 16 दिसंबर को होने हैं तथा इनके लिए 1 दिसंबर से नामांकन पत्र दाखिल किए जाने हैं। इन नगर निगम में मेयर का चुनाव सीधे होना है।

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चाको ने सुरजेवाला और बिश्नोई से भी चर्चा की

सूत्रों की मानें तो राजस्थान चुनाव में गए राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला और कुलदीप बिश्नोई से भी पीसी चाको ने सिंबल पर चुनाव लड़ने की बाबत चर्चा की। इन दोनों वरिष्ठ नेताओं ने भी सिंबल पर चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। बैठक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हवाला दिया कि पिछले 50 साल से कांग्रेस ने कभी स्थानीय निकाय चुनाव सिंबल पर नहीं लड़े।

हुड्डा ने यह भी कहा कि वह और सांसद दीपेंद्र हुड्डा पिछले दो दिन रोहतक में कार्यकर्ताओं के बीच रहे। इस दौरान उनके पास मेयर पद के लिए 32 कार्यकर्ताओं के बॉयोडाटा आए। ऐसे में यदि पार्टी टिकट देती है तो 31 कार्यकर्ता पार्टी से नाराज हो जाएंगे। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष डॉ.तंवर ने हुड्डा के इस कथन पर कहा कि क्या विधानसभा और लोकसभा में सिर्फ एक ही कार्यकर्ता टिकट मिलती है।

चाको के समक्ष उठा ब्लॉक और जिला स्तर पर संगठन न होने का मुद्दा

सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय पर्यवेक्षक पीसी चाको के समक्ष यह मुद्दा भी उठाया कि बिना ब्लाॅक और जिला स्तर के संगठन के पार्टी कैसे निचले स्तर पर होने वाले चुनावों में हिस्सा लेगी। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि रोहतक जिला में कांग्रेस के एक दिन में 20 कार्यक्रम क्या बिना संगठन के ही हो रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी नेताओं की रैली और स्वयं उनके द्वारा चलाई साइकिल यात्रा क्या बिना संगठन के हो गई थी? बावजूद इसके केंद्रीय पर्यवेक्षक पीसी चाको ने सभी प्रमुख नेताओं से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया कि नगर निगम चुनाव सिंबल पर नहीं लड़े जाएंगे। इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीतिक मजबूती सामने आई है। हुड्डा शुरू से ही नगर निगम चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ने की बात कह रहे थे।

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'' पार्टी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है। इसमें अब कुछ कहने की गुंजाइश नहीं है मगर पांचों नगर निगम के क्षेत्रों में कांग्रेस के कार्यकर्ता सिंबल पर चुनाव चाहते थे। मैं तो फरीदाबाद और गुरुग्राम नगर निगम चुनाव भी सिंबल पर लड़ाने के पक्ष में थे मगर तब पार्टी नेताओं की सहमति नहीं बनी थी। अभी भी पार्टी नेताओं की सिंबल पर चुनाव लड़ाने पर सहमति नहीं बनी है।

                                                                                           - डॉ.अशोक तंवर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष।

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'चुनाव से पहले ही पलायन कर गई कांग्रेस'

''सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करके कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही पलायनवाद अपनाया है। असल में कांग्रेस राज्य में न संगठन में मजबूत है और न ही जनता में इस पार्टी की कोई लोकप्रियता है। पांच नगर निगम चुनावों को सत्ता का सेमीफाइनल कहने वाली कांग्रेस के इस निर्णय के बाद तय हो गया है कि यह पार्टी न सेमीफाइनल और न ही फाइनल मैच खेलने के लिए तैयार है।

                                                                                     - सुभाष बराला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, भाजपा।

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'' पार्टी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि यह स्थानीय चुनाव हैं। इनमें पार्टी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के समक्ष पूरी पार्टी ने यह निर्णय पार्टी हित में लिया है। हम पार्टी के निर्णय के साथ हैं।

                                                                                    - किरण चौधरी, कांग्रेस विधायक दल की नेता।

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'' मैं राजस्थान चुनाव में हूं और मुझसे पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक ने इस बाबत पूछा तो मैंने यही कहा कि पार्टी जो निर्णय लेगी, उसके साथ हैं। पार्टी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है तो हम सब पार्टी निर्णय के साथ हैं।

                                                                           - रणदीप सुरजेवाला, राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख, कांग्रेस।


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