कलह को ऐसे काबू करेगी कांग्रेस, सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले से नेताओं को साधेगी
हरियाणा कांग्रेस में कलह खत्म करने के लिए आलाकमान ने नया रास्ता ढूंढ़ा है। पार्टी हरियाणा के नेताओं के टकराव व विवाद पर लगाम के लिए सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाएगी।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कांग्रेस आलाकमान हरियाणा में सोशल इंजीनियरिंग से ही पार्टी नेताओं को साधेगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राज्य कांग्रेस नेताओं की बैठक के बेशक सीधे तौर पर कोई नतीजे सामने नहीं आ रहे हों। मगर आलाकमान से अलग मिलकर आए नेता मानते हैं कि विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आगे रखकर ही लड़ा जाएगा। संकेत हैं कि मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर को हटाए बिना ही हुड्डा को राज्य कांग्रेस में सशक्त पद दिया जाएगा।
- पूर्व सीएम हुड्डा को अग्रणी बनाकर सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा विधानसभा चुनाव
संगठन में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं। इनमें दीपेंद्र हुड्डा सहित ब्राह्मण, अहीर और गुर्जर नेता शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा राहुल गांधी की जगह नए अध्यक्ष की तलाश में देरी के कारण विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन पहले हो सकता है। सूत्रों के अनुसार संगठन महासचिव केसी वेणुगोपालन को राहुल गांधी ने राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाने के निर्देश दे दिए हैं।
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प्रदेशाध्यक्ष के साथ चार नेता बनाए जा सकते हैं कार्यकारी अध्यक्ष
बता दें कि राहुल गांधी ने कांग्रेस समन्वय समिति के 15 में से 11 सदस्यों से बृहस्पतिवार दिल्ली स्थित अपने आवास पर राज्य की मौजूदा राजनीति पर चर्चा की थी। सूत्र बताते हैं कि इसमें जिन सदस्यों ने राहुल को सामूहिक नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लडऩे की सलाह दी, उन्हें राहुल ने अकेले में चर्चा के दौरान अधिक समय दिया।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राहुल के साथ बैठक से पहले अपने आवास पर समर्थक नेताओं के साथ खुद को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की रणनीति तैयार की थी, लेकिन जब हुड्डा समर्थक राहुल गांधी के सामने गए तो उन्होंने सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लडऩे की सलाह दी। सूत्र बताते हैं कि हुड्डा के एक खासमखास नेता तो राहुल गांधी से यहां तक कह दिया था कि अब संगठन में बदलाव करके सिर्फ एक नेता के हाथ में पार्टी की कमान देने के परिणाम भी सार्थक नहीं आएंगे।
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संगठन में बदलाव से पहले शुरू हो सकता है स्क्रीनिंग कमेटी का काम
राहुल गांधी के समक्ष राज्य कांग्रेस समन्वय समिति के एक सदस्य ने यह भी सुझाव दिया कि संगठन में बदलाव से पहले यदि पार्टी उन सशक्त उम्मीदवारों का चयन विधानसभा चुनाव से दो माह पहले ही कर ले, जिन्हें टिकट दिया जाना है तो इसका फायदा मिलेगा।
इस सदस्य ने राज्य में भाजपा के बूथ स्तर के मजबूत संगठन की बाबत बताते हुए कहा कि यदि लोकसभा चुनाव की तरह ठीक पहले टिकट दिए गए तो प्रत्याशी ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे। इसलिए पार्टी करीब 60 से 65 सीटों पर पहले से ही प्रत्याशी तय कर ले और स्क्रीनिंग कमेटी का गठन अभी कर दिया जाए।