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Loksabha Election 2019: हरियाणा में खुद का चुनाव लड़ने में उलझे रहे कांग्रेस दिग्गज

हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों ने पार्टी के बजाय अपने खुद के प्लेटफार्म पर खड़े होकर लोकसभा चुनाव लड़ा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 10:12 AM (IST)
Loksabha Election 2019: हरियाणा में खुद का चुनाव लड़ने में उलझे रहे कांग्रेस दिग्गज
Loksabha Election 2019: हरियाणा में खुद का चुनाव लड़ने में उलझे रहे कांग्रेस दिग्गज

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों ने पार्टी के बजाय अपने खुद के प्लेटफार्म पर खड़े होकर लोकसभा चुनाव लड़ा। कांग्रेस का कोई ऐसा दिग्गज नहीं बचा, जिसे पार्टी हाईकमान ने चुनावी रण में न उतारा हो। इन उम्मीदवारों ने एक दूसरे की मदद करने के बजाय खुद की जीत पर फोकस रखा। अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी बनाए रखने को यह कांग्रेस दिग्गज चुनावी रण में उतरे।

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प्रदेश में रोहतक एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है जो कांग्रेस के कब्जे में रही। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार तीन बार यहां से सांसद बनते आ रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कु. सैलजा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व मंत्री चौ. निर्मल सिंह, पूर्व मंत्री अवतार सिंह भड़ाना और निवर्तमान सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को टिकट थमा दिए। कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला जींद उपचुनाव लड़कर हार चुके हैं, इसलिए इस बार उन पर दाव नहीं खेला गया।

कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भी चुनावी रण में उतारा। बेटे व बेटी के चुनाव लड़ने की वजह से कुलदीप और किरण भी प्रत्यक्ष तौर पर चुनाव में व्यस्त रहे। ये सभी नेता गुटबाजी का शिकार रहे हैं। सभी की मुख्यमंत्री पद पर निगाह है। कांग्रेस हाईकमान ने जब इन सभी को लोकसभा चुनाव का टिकट थमा दिया तो वे अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में जीत हासिल करने तक सीमित हो गए।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के नाते अशोक तंवर पर पूरे राज्य की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन वह सिरसा से बाहर समय नहीं दे पाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से समय निकालकर रोहतक में अपने बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा, करनाल में कुलदीप शर्मा, कुरुक्षेत्र में चौ. निर्मल सिंह, हिसार में भव्य बिश्नोई और अंबाला में कु. सैलजा के लिए चुनाव प्रचार करने गए। शुरू में उन्होंने अपना चुनाव अपने संसदीय क्षेत्र की जनता पर छोड़ दिया और खुद राजस्थान प्रचार के लिए चले गए, लेकिन मोदी और शाह के दौरों के बाद ऐसा चुनाव फंसा कि हुड्डा को अपना पूरा जोर सोनीपत में लगाना पड़ा। गोहाना में बड़ी रैली कर उन्होंने अपनी ताकत भी दिखाई।

कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, गुरुग्राम से चुनाव लड़े कैप्टन अजय यादव, अंबाला से चुनाव लड़ी कु. सैलजा और कुलदीप बिश्नोई अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में ही प्रचार करते रहे। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ज्यादा समय कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में निर्मल सिंह के लिए दिया। सिरसा से प्रत्याशी अशोक तंवर के लिए नरवाना में प्रचार किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने हालांकि जनसभाओं तथा रोड शो के जरिये तमाम कांग्रेस उम्मीदवारों के हक में माहौल बनाने की कोशिश की।

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