Move to Jagran APP

हरियाणा में कांग्रेस ने भाजपा के सामने खड़ी की जिला परिषद चुनाव सिंबल पर लड़ने की चुनौती

कांग्रेस हरियाणा में जिला परिषद चुनाव पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ने की तैयारी में है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला अभी होना है। वहीं हरियाणा कांग्रेस की इस रणनीति से हरियाणा भाजपा उहापोह की स्थिति में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 12:35 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 12:35 PM (IST)
हरियाणा में कांग्रेस ने भाजपा के सामने खड़ी की जिला परिषद चुनाव सिंबल पर लड़ने की चुनौती
कांग्रेस चुनाव चिन्ह पर लड़ सकती है चुनाव, भाजपा के लिए चुनौती। सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस रणनीतिक रूप से आमने-सामने आ गए हैं। किसान आंदोलन के चलते हरियाणा भाजपा अभी पंचायत चुनाव सिंबल पर लड़ने की बाबत ऊहापोह की स्थिति में है, मगर कांग्रेस ने शनिवार सायं नई दिल्ली में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में इसकी पहल कर दी है।

prime article banner

कांग्रेस रणनीतिकार चाहते हैं कि यदि भाजपा जिला परिषद चुनाव सिंबल पर लड़ती है तो किसान आंदोलन के चलते कांग्रेस भी अपने सिंबल पर ही प्रत्याशी उतारेगी। हालांकि रणनीतिकारों की इस चर्चा पर अंतिम मुहर कांग्रेस विधायक दल और पूर्व विधायकों की बैठक में ही लगेगी। नई दिल्ली के 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय (पार्टी वाररूम) में प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा,विधायक किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर, आशीष दुआ शामिल हुए।

इस बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद यह भी फैसला हुआ है कि पंचायत चुनाव में पार्टी सक्रिय भागीदारी करेगी। बैठक की जानकारी देते हुए प्रभारी विवेक बंसल ने बताया कि 15 जनवरी को हरियाणा कांग्रेस कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के पक्ष में चंडीगढ़ स्थित राजभवन का घेराव करेगी।

कांग्रेस ने भाजपा के सामने निकाय चुनाव भी सिंबल पर लड़े

सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कभी सिंबल पर नहीं लड़े मगर इस बार विपक्ष में रहते हुए भी पार्टी ने तीन नगर निगम व एक नगर परिषद का चुनाव सिंबल पर लड़ा। इसके बाबत पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि भाजपा सिंबल पर चुनाव लडऩे के बाद सत्तारूढ़ होने के कारण निर्दलीयों को अपने साथ मिला लेती है। ऐसे में यदि भाजपा के सामने कांग्रेस भी सिंबल पर चुनाव लड़ाएगी तो सत्तारूढ़ दल की मुश्किलें बढ़ेंगी। खासतौर पर किसान आंदोलन से ग्रामीण क्षेत्रों में बने माहौल का भी राजनीतिक फायदा लिया जा सकता है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर अभी यह पहली बैठक थी। इस पर विधायकों और पूर्व विधायकों की बैठक में भी चर्चा होगी।

कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में तीनों कृषि कानून रद करने की मांग दोहराई

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल सहित प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीन कृषि सुधार कानून रद करने की मांग दोहराई। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ इस मुश्किल घड़ी में हर स्तर पर खड़ी हुई है। उनकी हर संभव मदद कर रही है। अन्नदाता इस भीषण ठंड में खुली सड़कों पर बैठा हुआ है और लगातार संघर्ष कर रहा है। लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही पर उतारू है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.