कांग्रेस ने लड़कियों के मुद्दे और रोहतक रेप केस पर सरकार को घेरा
कांग्रेस ने मोदी सरकार और मनोहर सरकार पर लड़कियाें के मुद्दे और रोहतक गैंगरेप मामले पर घेरा कसा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सीपी ठाकुर ने दोनों ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र की मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के खिलाफ मोर्चा खोल रही कांग्रेस ने हरियाणा की मनोहर लाल सरकार को भी निशाने पर लिया है। कांग्रेस ने बुधवार को लड़कियों के प्रति सरकार के रवैये और उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार पर हमले किए हैं। कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने रोहतक के निर्भया कांड पर दोनों सरकारों को घेरा। उन्होंने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान पर भी सवाल उठाए।
सीपी जोशी और अशोक तंवर ने निर्भया कांड, बेटी बचाओ और सीएम के बयान को बनाया आधार
यहां बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में जोशी ने कहा कि युवा, शिक्षा, महिला सुरक्षा और दलित सम्मान के मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार फेल रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर भी इस मौके पर मौजूद थे। सीपी जोशी ने कांग्रेस द्वारा तैयार की गई 35 पेज की एक बुकलेट भी रिलीज की। इसमें तीन साल में शिक्षा के क्षेत्र में आई गिरावट, महिला उत्पीडऩ की घटनाओं में वृद्धि, दलितों पर अत्याचार बढ़ने तथा युवाओं के लिए घट रही नौकरियों पर आंकड़े दिए गए हैैं।
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इस बुकलेट में राष्ट्रीय स्तर पर हुई घटनाओं का उल्लेख है, साथ ही हरियाणा की मनोहर सरकार के कार्यकाल में रोहतक में हुए निर्भया कांड को भी प्रमुखता से उठाया गया है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए उस बयान को भी मुद्दा बनाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कोई लड़की शिष्ट कपड़े पहनती है तो लड़के उसे गलत नजर से नहीं देखते। प्रेस कान्फेंस में हालांकि मनोहर लाल के इस बयान को उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले की राय से भी जोड़ा गया।
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जोशी और तंवर ने कहा कि हरियाणा सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में बुरी तरह से असफल साबित हुई। पानीपत से आरंभ प्रधानमंत्री का बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ अभियान भी केवल प्रचार तक सिमट गया। वर्ष 2016-2017 में सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया, लेकिन उसकी एवज में 43 करोड़ रुपये ही जारी किए गए। खर्च सिर्फ पांच करोड़ हुए।
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जोशी और तंवर ने कहा कि भाजपा सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षणिक योगयता को अनिवार्य कर हरियाणा को ऐसा प्रथम राज्य बताया था, लेकिन इस फैसले से 75 फीसदी महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने इन तमाम मुद्दों पर भाजपा सरकारों से हिसाब मांगा।

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