हरियाणा में निगम चुनावों का माहौल बनाने में जुटी कांग्रेस, पार्षद भी लड़ेंगे पार्टी सिंबल पर
हरियाणा में नगर निगम व स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है और अपने लिए माहौल तैयार कर रही है। हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने विभिन्न मुद्दों पर राज्य की सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है।
चंडीग,जेएनएन।लंबे अंतराल के बाद स्थानीय निकाय चुनाव में दो-दो हाथ करने जा रही कांग्रेस अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगम के मेयर के साथ ही पार्षद पद के लिए भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। निकाय चुनावों का माहौल बनाते हुए हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी सैलजा ने नए कृषि कानूनों के साथ ही गरीबों को सस्ते मकान नहीं मिलने और ग्यारहवीं व बारहवीं में दलित बच्चों के लिए संचालित पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना के बंद होने के मुद्दे उठाए।
गरीबों को सस्ते मकान नहीं मिलने और पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना बंद करने पर उठाए सवाल
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस मेयर के साथ ही पार्षदों का चुनाव भी पार्टी सिंबल पर लड़ेगी। इन चुनावों के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में दलित वर्ग लगातार प्रताड़ित हो रहा है। केंद्र सरकार ने 11वीं और 12वीं कक्षा के दलित छात्रों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए चलने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम बंद कर दी है जिससे यह बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे।
सैलजा ने शहरों में बेसहारा पशुओं के जमावड़े, बदहाल सीवरेज सिस्टम और गंदगी को बनाया मुद्दा
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत पूरे देश में गरीब वर्ग के लिए लाखों मकान बनाए थे। अंबाला और पंचकूला शहर में भी इस मिशन के तहत बड़ी संख्या में गरीब वर्ग को मकान दिए गए थे, लेकिन माैजूदा सरकार ने इन मकानों को अभी तक अलाट ही नहीं किया है।
यह भी पढ़ें: हिसार में 80 साल की सास को बहू ने घर से निकाला, कपड़े गली में फेंके, वीडियो वायरल हुआ तो गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि आज ज्यादातर शहर बदहाल स्थिति में हैं। सड़कों पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। सीवरेज की सफाई कोई करने वाला नहीं है। बारिश के मौसम में प्रदेश में शहरों की सड़कें तालाब का रूप धारण कर लेती हैं। शहर अनेकों समस्याओं से जूझ रहे हैं।
आंदोलनरत किसानों का समर्थन करते हुए हरियाणा कांग्रेस की प्रधान ने कहा कि नए कानून किसानों के हित में नहीं। कांग्रेस के भारी विरोध के बाद भी केंद्र सरकार ने इन्हें संसद में पारित कराया और अपने पूंजीपति मित्रों के लिए कृषि क्षेत्र को लूटने के दरवाजे खोल दिए। हरियाणा में जजपा, निर्दलीय और भाजपा के जो विधायक किसानों के साथ हैं, उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और सरकार से बाहर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर तीनों नए कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: Agricultural laws: हरियाणा के इन प्रगतिशील किसानों से जानिये तीन कृषि कानूनों के फायदे
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए