हरियाणा कांग्रेस में दिग्गजों में 'संग्राम', हुड्डा व तंवर की मोर्चाबंदी
हरियाणा कांग्रेस के प्रधान पद पर फिलहाल अशोक तंवर के कायम रहने से दिग्गज नेताओं में संग्राम छिड़ने के हालात हैं। तंवर व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हूड्डा के समर्थक मुखर हो गए हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कांग्रेस हाईकमान ने सभी प्रदेश अध्यक्षों को उनके पदों पर फिलहाल बरकरार रखने के आदेश जारी कर भले ही अपनी तरफ से विवाद शांत कर दिए हैैं, लेकिन हरियाणा में ऐसा बिल्कुल नजर नहीं आ रहा है। इसके बाद प्रदेश प्रधान अशोक तंवर अौर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे मुखर होते दिख रह हैं। ऐेसे में हरियाणा कांग्रेस में दिग्गजों का 'संग्राम' और तेज हाेने की संभावना है।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी का पत्र जारी होने के बाद अशोक तंवर पार्टी के काम में जुट गए हैैं! पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैैं। कांग्रेस हाईकमान के परिपत्र के आधार पर तंवर समर्थकों के हौसले बुलंद हैं दूसरी ओर, हुड्डा समर्थक इसे अस्थायी व्यवस्था बताते हुए ताल ठोंके हुए हैैं।
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बहरहाल, कांग्रेस हाईकमान के इस पत्र से हरियाणा में कांग्रेस दिग्गजों का टकराव कम होगा, इसकी संभावना बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है। आइए जानते हैैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर वर्तमान राजनीतिक स्थिति को कैसे देखते हैैं।
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अध्यक्ष के काम करते रहने का पत्र अस्थायी, बदलाव अभी भी संभव : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि अशोक तंवर को अध्यक्ष पद पर काम करते रहने का पत्र अस्थायी व्यवस्था है और अभी भी इसमें बदलाव हो सकता है। इस संबंध में बातचीत में उन्होंने अपना पक्ष रखा।
कांग्रेस महासचिव ने सभी प्रदेश अध्यक्षों को बरकरार रखा है। यानी तंवर ही अब अगले अध्यक्ष रहेंगे?
- ऐसा नहीं है। कांग्रेस हाईकमान ने किसी एक व्यक्ति या एक राज्य के लिए परिपत्र जारी नहीं किया है। यह एक रूटीन परिपत्र है, जिसमें कहा गया है कि जिस राज्य में जो अध्यक्ष काम कर रहा है, वह अगले आदेश तक काम करता रहे। इससे अधिक कुछ नहीं है। बदलाव अभी भी संभव है।
कांग्रेस के इस परिपत्र को आप कैसे देखते हैैं। आपके समर्थक चाहते थे कि आप ही अध्यक्ष बनें?
- इस पत्र में साफ लिखा है कि अगले आदेश तक मौजूदा अध्यक्ष काम करते रहेंगे। यानी कोई दूसरा आदेश भी जारी हो सकता है। वैसे भी सभी कांग्रेस नेताओं ने हाईकमान को लिखकर दे रखा है कि वे जैसा फैसला करेंगे, हम सभी को मंजूर है।
ऐसी चर्चा है कि यह पत्र कांग्रेसियों के लिए कम और राष्ट्रीय चुनाव आयोग में जमा कराने के लिए अधिक है?
- बिल्कुल ऐसा ही है। सभी राज्यों में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राहुल गांधी जी अध्यक्ष बन गए। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी चुनाव आयोग में दी जानी थी। यह पत्र अब राष्ट्रीय चुनाव आयोग में जमा कराया जा चुका है। राहुल जी के नेतृत्व में हम सब काम कर रहे हैैं।
तब तो यह मान लिया जाए कि आपके नेतृत्व वाला धड़ा अभी अध्यक्ष पद कब्जाने के लिए सक्रिय रहेगा?
- आप पत्रकार हैैं। कुछ भी समझ सकते हैैं, लेकिन हम सभी पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैैं। हलकेवार कार्यक्रम चल रहे हैैं। फरवरी के मध्य में रथयात्रा शुरू होगी। हर वर्ग केंद्र व राज्य सरकार से तंग है। कांग्रेस ही उनकी आवाज बनेगी।
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सभी नेता गुटबाजी खत्म कर दें, मैैं अपनी तरफ से पहल करता हूं : तंवर
पूरे मामले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर कफी खुश हैं। अध्यक्ष पर बने रहने के आलाकमान के पत्र को अपने काम पर मुहर मान रहे हैं। उनका कहना है कि वह पार्टी में गुटबाजी समाप्त करने के लिए पहल कर रहे हैं।
कांग्रेस हाईकमान ने सभी अध्यक्ष बरकरार रख दिए। आप इस पत्र को कैसे देखते हैैं?
- मुझे खुशी है कि पार्टी हाईकमान ने हमारे अब तक के संगठनात्मक कामकाज पर मुहर लगाई है। अध्यक्ष पद का कोई मुद्दा कभी रहा ही नहीं। मैैं हैरान हूं कि कुछ लोगों ने इसे मुद्दा बना लिया। मैैं पहले भी अध्यक्ष था और अब हाईकमान ने फिर से मुझे काम करने का मौका दिया है।
हुड्डा खेमा इस परिपत्र को अस्थायी व्यवस्था के रूप में प्रचारित कर रहा है। इससे तो टकराव बढ़ेगा ही?
- हाईकमान के आदेशों को कौन कैसे प्रचारित करता है, यह उसका काम है। हम सिर्फ इतना जानते हैैं कि पार्टी हमारे लिए सर्वोपरि है। मैैं सभी पार्टी नेताओं से हाथ जोड़कर गुटबाजी खत्म करने तथा सिर जोड़कर काम करने की अपील करूंगा। आज कांग्रेस ही सभी दलों का विकल्प है। इसलिए हमें एकजुट होकर जनता की आवाज बननी चाहिए।
आपके समर्थक आपको अध्यक्ष मानकर खुशी मना रहे। अब अगला कदम क्या होगा आपका?
- हम पहले से अधिक उत्साह और ताकत के साथ फील्ड में उतरेंगे। पार्टी नेताओं से कहेंगे कि वे राहुल जी के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए एक दूसरे की मदद करें। उन्हें मजबूती दें। कमजोर न करें। सड़कों पर अब हम जनहित में बहुत ही एग्रेसिव नजर आने वाले हैैं।
आप हुड्डा की रथयात्रा के जवाब में साइकिल व पदयात्रा भी निकालने वाले थे। उसका अब क्या रहेगा?
- हमने आज ही फरीदाबाद में विकल्प रैली की है, जो कि पहले से तय थी। 15 से 17 जनवरी तक गुरुग्र्राम में पार्टी का मंथन शिविर होगा। उसमें अगली रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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