मिलीभगत : नियमों और भावनाओं को ताक पर रख अलाट किए शराब के ठेके
अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता। यह कहावत उन शराब के ठेकेदारों पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है जिन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और आबकारी विभाग से सांठगांठ कर शहर की मुख्य सड़कों रिहायशी इलाकों एवं मां मनसा देवी श्राइन बोर्ड के प्रस्ताव के बाद प्राइम लोकेशनों पर ठेके अलाट करवा लिए।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : 'अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता'। यह कहावत उन शराब के ठेकेदारों पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है जिन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और आबकारी विभाग से सांठगांठ कर शहर की मुख्य सड़कों, रिहायशी इलाकों एवं मां मनसा देवी श्राइन बोर्ड के प्रस्ताव के बाद प्राइम लोकेशनों पर ठेके अलाट करवा लिए। हालांकि शराब के ठेकों की लोकेशनों को लेकर हर बार विवाद छिड़ता है, लेकिन इस साल विरोध काफी बढ़ता दिख रहा है। कई स्थानों पर ठेकों का विरोध होने के बाद लोकेशन बदली भी गई, लेकिन अभी कई शराब के ठेके लोगों की भावनाओं को आहत करते नजर आ रहे हैं।
आबकारी विभाग एवं एचएसवीपी की ओर से निर्धारित की गई लोकेशन नियमों को ताक पर रखकर इन दिनों शराब के ठेके संचालित किए जा रहे हैं। इस बार तो शराब ठेकों को जो जगह अलाट की गई, वह दो शोरूमों से भी बड़ी है। ठेकेदार ठेके और अहातों में शानदार लाइटिग, शीशे लगाने के साथ ही बड़े-बड़े बोर्ड भी लगवा रहे हैं, ताकि लोग दूर से ही आकर्षित हों। सेक्टर-14 में दो बड़े ठेके खोल दिए गए हैं, जिसमें एक सेक्टर-11 के रिहायशी इलाके के सामने है, तो दूसरा भगवान परशुराम चौक के बिल्कुल साथ है। सेक्टर-15 में भी रिहायशी इलाके के पास शराब का ठेका खोला गया है। यहां पर लोगों ने विरोध किया, तो उसे कुछ दूरी पर शिफ्ट कर दिया।
मनसा देवी पूजास्थल बोर्ड की ओर से प्रस्ताव पारित किया गया था कि मां मनसा देवी सिंहद्वार से लेकर मंदिर तक कोई ठेका ना खोला जाए। इस पर फिर सेक्टर-5 एमडीसी में ठेका खोल दिया गया। इसी तरह राजीव कालोनी के रिहायशी इलाके में ठेका खोलने का विरोध जारी है। विभागीय अधिकारी कहते हैं कि हमें तो जहां से रेवेन्यू आएगा, वहीं पर ठेके खोलेंगे। शराब के ठेकेदारों पर अधिकारियों की मेहरबानी प्रतिदिन देखने को मिलती है। रात में निर्धारित समय के बाद भी कई ठेकों पर शराब की बिक्री होती देखी जा सकती है। इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने मानो जैसे आंखें बंद कर रखी हैं। अधिकारियों की उदासीनता का फायदा इस कदर तक उठाया जाता है कि रात एक बजे भी इन ठेकों के आसपास शराबियों की भीड़ लगी रहती है। दोनों विभागों ने इतना कमाया
आबकारी विभाग ने इस साल शराब के ठेकों से 207 करोड़ रुपये कमाए हैं। जिले के 22 जोन में शराब के ठेके अलाट किए गए। एक जोन में चार शराब के ठेके हैं। वहीं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने शराब के ठेकों के लिए 28 साइट अलाट की, जोकि गत वर्षो के दौरान केवल 13 थी। पहले प्राधिकरण को लगभग दो करोड़ रुपये इन शराब ठेकों की साइटों से मिलते थे, जो कि अब बढ़कर नौ करोड़ रुपये हो गए हैं। यह कहते हैं अधिकारी..
साइट्स अलाट करने के लिए प्रशासनिक तौर पर फैसला लिया गया। बैठक में एसीएस, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष के अलावा अन्य बड़े अधिकारी थे। फैसले के बाद ही साइट्स अलाट की हैं। मुझे तो विभाग का रेवेन्यू बढ़ाना है। पहले दो करोड़ आते थे, अब नौ करोड़ रुपये आए हैं।
- गगनदीप सिंह, संपदा अधिकारी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम शराब के ठेके की साइट अलाट करने से पहले निरीक्षण करती है। कितना साइज किस जगह शराब के ठेके का होगा, यह भी दोनों विभाग मिलकर तय करते हैं। जहां कहीं लोगों का विरोध होता है, तो वहां साइट आगे पीछे कर दी जाती है।
- प्रदीप यादव, नियंत्रक, आबकारी एवं कराधान विभाग पंचकूला