यमुना में उफान व पानी में डूबे क्षेत्र का सीएम ने किया हवाई सर्वे, विशेष गिरदावरी होगी
हरियाणा सरकार राज्य में बाढ़ के हालात के बाद सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने यमुना नदी मेें उफान और इसके पानी से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वक्षण किया।
जेएनएन, चंडीगढ़। यमुना आैर इसकी सहायक नदियों में उफान के बाद हरियाणा सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने यमुना नदी में उफान आैर इससे अाई बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में बरसात और बाढ़ से फसलाें के नुकसान की विशेष गिरदावरी का आदेश दिया। जिन- जिन किसानों का नुकसान होगा, उनको फसल बीमा योजना और अन्य तरीकों से मुआवजा दिया जाएगा।
यहां यमुना नदी और उसकी सहायक नदियों में उफान और भारी बारिश से राज्य के विभिन्न जिलों में पैदा स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यमुना नदी में उफान से अभी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है और हालत नियंत्रण में है। अभी तक किसी जान-माल के नुकसान का समाचार नहीं मिला है। यह पानी खेतों में बह रहा है।
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बैठक के बाद मुख्यमंत्री हथनीकुंड बैराज और अन्य क्षेत्रों में यमुना नदी में अाए उफान का हवाई सर्वे किया। उन्होंने पानी मेें डूबे क्षेत्राें का भी अवलाेकन किया। इस दौरान कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ थे। उन्होंने पैदा हालात को लेकर अपने साथ मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री को पानीपत सोनीपत और पलवल के अधिकारियों ने यमुना की स्थिति का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि उनके जिलों में यमुना खतरे के निशान के आसपास बह रही है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। उनके जिलों में अभी तक किसी भी प्रकार की जान माल के नुकसान की कोई घटना नहीं हुई है। केवल पानीपत के जिलों में खेतों के अंदर पानी बह रहा है और पानीपत के जिला प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना के साथ भी संपर्क स्थापित कर रखा है।
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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को करनाल के उपायुक्त व मंडलायुक्त ने बताया कि करनाल में यमुना नदी का पानी नदी के साथ लगते खेतों में फैल गया है। अभी यमुना का पानी आबादी क्षेत्र में नहीं घुसा है और किसी भी प्रकार का जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने किसी भी समस्या से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर रखी है। यमुना नदी के पास जेसीबी, पोकलेन और रेत से भरे 20000 कट्टे तैयार रखे हैं, ताकि मिट्टी का कटाव रोका जा सके।
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बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि अलर्ट रहें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि जब यह अतिरिक्त पानी नदी और आसपास के क्षेत्र से नीचे उतर जाएगा तो उसके पश्चात होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिए फागिंग का इंतजाम रखें।