हरियाणा में जाटों ने फिर बढ़ाई मुश्किलें, सीएम और कैप्टन की सुरक्षा बढ़ी
हरियाणा सरकार के साथ चार बार समझौता वार्ताएं कर चुकी अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रस्तावित आंदोलन ने खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के साथ चार बार समझौता वार्ताएं कर चुकी अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रस्तावित आंदोलन ने खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने प्रदेश सरकार पर समझौतों पर खरा नहीं उतरने के आरोप लगाते हुए 16 अगस्त से आंदोलन का एलान किया है। हालांकि जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष हवा सिंह सांगवान ने मलिक के आंदोलन को खारिज कर दिया। मगर खुफिया एजेंसियां कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं। इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला का भी सुरक्षा दायरा बढ़ाने की तैयारी है।
खुफिया एजेंसियों को रिपोर्ट मिली है कि आंदोलन के दौरान भाजपा के जाट नेताओं के साथ कुछ अनहोनी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल हिसार, कैप्टन अभिमन्यु फतेहाबाद और ओमप्रकाश धनखड़ जींद में ध्वजारोहण करेंगे। वहीं प्रथम चरण में जाट आंदोलन के लिए नौ जिलों रोहतक, झज्जर, दादरी, भिवानी, हिसार, कैथल, जींद, पानीपत व सोनीपत का चयन किया गया है।
यशपाल मलिक के अनुसार हरियाणा सरकार 18 मार्च 2016 को चंडीगढ़, 19 जून 2016, 19 मार्च 2017 और 11 फरवरी 2018 को दिल्ली में समझौते कर चुकी है। इन समझौतों में जाटों समेत छह जातियों को आरक्षण देने, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने, घायलों के अलावा शहीद परिवारों को मुआवजा व उनके आश्रितों को नौकरी और केंद्र में आरक्षण देने के वादे किए गए थे। इसके बावजूद भाजपा सरकार न तो राज्य में जाटों को आरक्षण देने को तैयार है और न ही दर्ज मुकदमों की पूर्ण वापसी की जा रही है।
यशपाल मलिक का आरोप है कि आरक्षण के मुद्दे पर सरकार की ओर से अदालतों में सही पैरवी नहीं की जा रही है। जाट युवाओं पर सीबीआइ के फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। सरकार के मंत्रियों ने समैण में जाट नेताओं पर जानलेवा हमले कराए। इसलिए अब जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा।
सभी एसपी रहेंगे सतर्क, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद
हरियाणा सरकार ने विधानसभा सत्र और जाट आंदोलन के मद्देनजर सभी पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। राज्य के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने पुलिस महानिदेशक को सभी आवश्यक तैयारियां करने को कहा है। पुलिस महानिदेशक ने सभी पुलिसकर्मियों के अवकाश रद कर दिए हैं और उन्हें हर हाल में ड्यूटी पर मुस्तैद रहने को कहा है।
हमारी विनम्रता को कमजोरी समझने की भूल न करें
सीएम मनोहर लाल का कहना है कि हमारी खामोशी का मतलब यह कतई नहीं है कि हम कमजोर हैं या फिर कुछ कर नहीं सकते। हमारी सेवा, विनम्रता और प्रेम को कुछ लोग कमजोरी समझ बैठे हैं। यह उनकी भूल है। यदि कोई व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा तो उसको बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली हमारी प्राथमिकता है।
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