CM ने किया किसानों से संवाद, बोले- संकल्प लें, पानी बचाना है तो धान नहीं लगाना है
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने किसानों से संवाद किया। कहा कि पानी की बचत के लिए धान की खेती को इग्नोर करे।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत के दौरान पानी की बचत करने तथा इसके लिए धान की फसल की पैदावार नहीं करने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने किसानों को नारा दिया कि पानी बचाना है तो धान नहीं लगाना है। हरियाणा सरकार द्वारा आरंभ किए गए 'जल ही जीवन है' अभियान को गति देने के लिए मुख्यमंत्री ने किसानों से धान के स्थान पर मक्का, अरहर, ग्वार, तिल, बैसाखी मूंग व दलहनी फसलों की बुआई करने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों, किसान तथा प्रगतिशील किसानों से बातचीत की। इस दौरान मंडियों में गेहूं व सरसों की खरीद पर भी बातचीत हुई। जिन किसानों ने सरकार को अलग-अलग सुझाव दिए हैं, उन्हें कृषि महानिदेशक विजय दहिया जल्द ही निदेशालय बुलाकर पूरी जानकारी लेंगे। मनोहर लाल ने उन्हें 15 दिनों के भीतर जल संरक्षण की नई योजनाएं तैयार करने को कहा है। उन्होंने भू-जल रिचार्ज के लिए खेतों व तालाबों में बोरवेल की एक समेकित योजना भी तैयार करने को कहा है।
फरीदाबाद जिले के मंझावली के प्रगतिशील किसान मुकेश यादव के सुझाव पर मनोहर लाल ने अधिकारियों से कहा कि हर जिलें में 50 से 100 किसानों की एक सूची तैयार करें तथा ऐसे किसानों को प्रगतिशील किसानों के मॉडल दिखाएं, ताकि वे भी अपनी आय बढ़ा सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष हरियाणा ने धान बाहुल्य जिलों में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल के स्थान पर मक्का, अरहर व अन्य फसल उगाने की शुरुआत की थी, जो इस बार एक लाख हेक्टेयर कर दी गई है।
पानी बचाना है तो धान नहीं लगाना है का नारा देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। सीएम ने वीडियो कान्फ्रेंस में 16 किसान नेताओं से संवाद किया। उन्होंने चरखी दादरी जिले की ग्राम पंचायत पैंतावास कलां का उदाहरण दिया। वहां की पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर अपने गांव में धान की फसल न बोने का संकल्प लिया है। उन्होंने किसानों से कहा कि जिन पंचायतों ने पंचायती जमीन ठेके पर दी है, उन पट्टेदारों से कहा जाए कि वे धान की बजाय मक्का, अरहर, ढेंचा व अन्य फसलों की ही बुआई करें।
गांव जाकर गेहूं की फसल का रजिस्ट्रेशन करेंगे युवा
हरियाणा में गेहूं के लिए 27 अप्रैल तक 'मेरी फसल-मेरा ब्योराÓ पोटर्ल पर पंजीकरण जारी है। कुछ किसान नेताओं ने बताया कि सरल केंद्रों व मंडियों में किसानों को पंजीकरण के लिए समस्या आ रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंजीकरण के लिए लेपटॉप व डोंगल के साथ स्टार्टअप चलाने वाले युवाओं को गांवों में ही भेजा जाए। सरसों की नमी जांच करवाने में आ रही समस्या पर मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि पंचायतें अपने स्तर पर नमी जांचने वाला मीटर खरीद लें ताकि मंडी में जाने से पहले ही किसान सरसों की नमी की जांच करवा सकें।
इन किसान प्रतिनिधियों से किया सीएम ने संवाद
मुख्यमंत्री ने जिन किसान नेताओं से बात की, उनमें भारतीय किसान यूनियन के रतन सिंह मान, करनाल के साहिब सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजकुमार, कैथल के महेंद्र सिंह रसीना-कुरुक्षेत्र के हरजिंद्र सिंह, हिसार के मनोज कुमार व राम भगत, भिवानी के सुरेश कुमार व सुनीता, फरीदाबाद के मुकेश यादव, सिरसा की कमलेश नैन, रोहतक के महेंद्र सिंह, सोनीपत से भारतीय मजदूर किसान संघ के वीरेंद्र, पानीपत के जसबीर मलिक, जींद के खाप नेता रामपाल कंडेला तथा यमुनानगर के विजय मेहता शामिल रहे। सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल व महानिदेशक विजय दहिया भी संवाद में शामिल हुए।
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