गर्भ में पल रहा बच्चा घातक रोग से पीड़ित, हाई कोर्ट ने दी गर्भपात की इजाजत
महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा घातक बीमारी से पीड़ित है। महिला ने गर्भपात की इजाजत मांगी थी। हाई कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे गर्भपात करवाने की इजाजत दे दी है। हाई कोर्ट के निर्देश पर महिला वीरवार को पीजीआइ में भर्ती होगी। महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा घातक रोग से पीड़ित है। कोर्ट ने पीजीआइ को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द महिला का सुरक्षित गर्भपात करवाए। महिला और उसका पति बेहद गरीब हैं, इसलिए हाई कोर्ट ने पीजीआइ को निर्देश दिए हैं कि वह पीजीआइ के पुअर पेशेंट रिलीफ फंड से यह गर्भपात करवा सकता है।
जस्टिस निर्मलजीत कौर ने यह आदेश पीजीआइ के मेडिकल बोर्ड द्वारा महिला के गर्भ की जांच कर सौंपी मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद दिए हैं। बता दें कि महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि पीजीआइ में उसके गर्भ की जांच के बाद सामने आया था कि उसके गर्भ में पल रहा शिशु खतरनाक बीमारी से ग्रसित है।
इस बीमारी में भ्रूण के रीढ़ की हड्डी विकसित नहीं हो पाई है ऐसे में अगर उसका यह बच्चा पैदा हुआ तो तो वह शारीरिक और मानसिक तौर पर अक्षम रह जाएगा। ऐसे में महिला को गर्भपात करवाए जाने का सुझाव दिया था, लेकिन मेडिकल टर्मिनेशन एंड प्रेगनेंसी एक्ट के तहत अगर गर्भ 20 सप्ताह से ज्यादा का हो गया हो तो मेडिकल बोर्ड गठित किया जाना जरूरी है और गर्भपात के लिए हाई कोर्ट की इजाजत अनिवार्य है।
हाईकोर्ट ने याचिका पर पीजीआइ को आदेश दिए थे कि वह मेडिकल बोर्ड का गठन करे और महिला के गर्भ की जांच कर उसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपे। पीजीआइ ने बुधवार को मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट सौंप स्वीकार किया कि गर्भ में पल रहा शिशु अगर पैदा हुआ तो वह सामान्य जीवन नहीं जी पाएगा और वह शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम रहेगा।