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चंडीगढ़ के प्रशासक ने माना हरियाणा का दावा, विधानसभा भवन में पूरा हिस्सा दिलाने का दिया भरोसा

हरियाणा व पंजाब के बीच विधानसभा भवन में हिस्सा लेने को लेकर विवाद चल रहा है। हरियाणा को इसमें बड़ी कामयाबी मिली है। चंडीगढ़ प्रशासन के साथ बैठक में विधान भवन की पैमाइश करने की सहमति दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 08:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 08:01 AM (IST)
चंडीगढ़ के प्रशासक ने माना हरियाणा का दावा, विधानसभा भवन में पूरा हिस्सा दिलाने का दिया भरोसा
हरियाणा व पंजाब विधानसभा की बिल्डिंग। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा को विधानसभा भवन में पूरा हिस्सा लेने की कवायद में बड़ी कामयाबी मिली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा विधानसभा के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा द्वारा पेश किए गए तथ्यों को सही मानते हुए पूरे विधान भवन की नए सिरे से पैमाइश करवाने का निर्णय लिया है।

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वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात कर एक-एक तथ्य की बारीकी से अवगत करवाया। मुलाकात के दौरान चंडीगढ़ प्रशासक ने हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए 10 एकड़ भूमि दिलाने पर सहमति जताई है। पंजाब और हरियाणा के बंटवारे के दौरान विधान भवन में दोनों प्रांतों की हिस्सेदारी को स्पष्ट करने के लिए यूटी चंडीगढ़ इंजीनियरिंग विभाग के वित्त सचिव डा. विजय नाम्डेओराव जदे की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई।

इस दौरान हरियाणा के अधिकारियों ने 17 अक्टूबर 1966 को राजभवन में आयोजित बैठक में हुए निर्णय के दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि विधान भवन का तीन हिस्सों में बंटवारा हुआ था। इसमें से 30 हजार 890 वर्ग फीट क्षेत्र पंजाब विधानसभा को और 10 हजार 910 वर्ग फुट क्षेत्र पंजाब विधान परिषद के लिए तय हुआ। हरियाणा विधान सभा को मात्र 24 हजार 630 वर्ग फुट क्षेत्र मिला था। इस संबंध में हरियाणा के अधिकारियों की ओर से 90 पृष्ठों के दस्तावेज भी पेश किए।

चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी हरियाणा की इन दलीलों से पूरी तरह सहमत नजर आए। अब हरियाणा की मांग पर चंडीगढ़ प्रशासन ने पूरे विधान भवन की पैमाइश करवाने का निर्णय हुआ है। इस पैमाइश में यह पता लगाया जाएगा कि 17 अक्तूबर 1966 की बैठक में हुए निर्णय के अनुसार हरियाणा की जो हिस्सेदारी तय हुई थी, वह उसके पास पूरी है या नहीं। हरियाणा विधानसभा सचिव राजेंद्र कुमार नांदल ने कहा कि दोनों प्रांतों में हुए बंटवारे और वर्तमान में उनके पास जगह का आकलन करने के लिए तीन इंजीनियर्स की कमेटी गठित की जानी चाहिए। यह कमेटी आज की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करेगी। उन्होंने कहा कि कमेटी को निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।

पांच एकड़ में बना है विधान भवन

हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात में पूरे विवाद की जानकारी देने के साथ-साथ नए विधान भवन की आवश्यकता भी बताई। पुरोहित ने विस अध्यक्ष से वर्तमान विधान भवन का क्षेत्रफल भी पूछा। इस दौरान गुप्ता ने बताया कि वर्तमान भवन करीब पांच एकड़ भूमि पर बना है, लेकिन नए भवन के लिए 10 एकड़ भूमि की जरूरत है। यह भवन नए समय की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया जाना है।


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