आयोग के चेयरमैन और सदस्यों को मुख्य सचिव से अधिक पैसा नहीं मिलेगा
हरियाणा में विभिन्न अायोगों के अध्यक्षों व सदस्यों को मुख्य सचिव से ज्यादा पैसा नहीं मिलेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अब किसी भी आयोग या प्राधिकरण के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते तथा सुविधाएं मुख्य सचिव से अधिक नहीं होंगी। आयोग या प्राधिकरण के अध्यक्ष और सदस्य पिछली सरकारी सेवाओं के लिए पेंशन ले रहे हैं तो यह राशि उनके वेतन से एडजस्ट करने के बाद ही उन्हें बाकी का पैसा दिया जाएगा। इस तरह उन्हें मुख्य सचिव और प्रधान सचिव के बराबर ही वेतन, भत्ते और सुविधाएं मिल पाएंगी।
सरकारी सेवाओं से रिटायर होकर आयोग में आए लोगों के वेतन भत्तों में समायोजित होगी पेंशन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे पहले पूर्व विधायकों की पेंशन व भत्तों में समानता सुनिश्चित करने के लिए उनकी पेंशन को भी पिछले विधानसभा सत्र में तर्कसंगत किया गया था।
प्रदेश में विभिन्न आयोग और प्राधिकरणों में कई मुखिया और सदस्य ऐसे हैं जो पहले सरकारी सेवा में थे। इनमें प्रशासनिक पदों से लेकर न्यायिक सेवा तक के अफसर शामिल हैं।
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वर्तमान में ज्यादातर आयोग के चेयरमैन और सदस्यों के वेतन और भत्ते मुख्य सचिव के बराबर हैं। चूंकि आयोग के चेयरमैन पहले ही पेंशन ले रहे हैं, ऐसे में वेतन और भत्तों को जोड़कर उन्हें मुख्य सचिव से अधिक पैसा मिल जा रहा है। इसी विसंगति को दूर करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया।
आयोग के जो अध्यक्ष या सदस्य पहले से ही पेंशनभोगी हैं तो आयोग या प्राधिकरण में अहर्ता सेवा की अवधि के लिए अतिरिक्त पेंशन या मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युएटी (डीसीआरजी) स्वीकार्य नहीं होगी। जहां अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्ति से पहले यदि व्यक्ति द्वारा कोई पेंशन नहीं ली जा रही है तो वह अहर्ता सेवा के लिए मासिक पेंशन का हकदार होगा, जिसे मुख्य सचिव और प्रधान सचिव के लिए लागू नियमों के तहत विनियमित किया जाएगा।
यह भी निर्णय किया गया है कि हरियाणा के अन्य सभी संवैधानिक या वैधानिक आयोगों या प्राधिकरणों के संबंध में जहां मुख्य सचिव या प्रधान सचिव से अधिक वेतन, भत्ते और सुविधाएं दी जा रही हैं उन्हें संविधान या निष्पादन निर्देशों में बदलाव के माध्यम से संशोधित किया जाएगा। अगर जरुरत पड़ी तो इसके लिए केंद्र सरकार से भी गुजारिश की जा सकती है।