अमेरिका में जन्मी पोती के लिए इतनी खुशी, 21 साल के लिए कटवा दी अखंड पाठ की पर्ची
पंचकूला के बलवीर दंदयान ने अमेरिका में पैदा हुई पोती के लिए अगले 21 सालों तक पंचकूला स्थित गुरुद्वारा नाडा साहिब में अखंड पाठ रखवाया है।
जेएनएन, पंचकूला। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में पंचकूला के बलवीर दंदयान ने अनोखी पहल की है। उन्होंने अमेरिका में पैदा हुई पोती के लिए अगले 21 सालों तक पंचकूला स्थित गुरुद्वारा नाडा साहिब में अखंड पाठ रखवाया है। गुरुद्वारा नाडा साहिब में पहली बार कोई ऐसा हुआ है कि जब किसी ने 21 साल के लिए अखंड पाठ की पर्ची कटवाई है। यहां एक या दो साल से अधिक अखंड पाठ की एडवांस बुकिंग नहीं होती, लेकिन बलबीर की जिद के आगे गुरुद्वारा नाडा साहिब के प्रबंधकों ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से मौलिक बात कर बुकिंग ले ली है।
पोती का जन्म भी अमेरिका में हुआ है, लेकिन 22 से 24 सितंबर तक हर साल अखंड पाठ के लिए बलबीर का बेटा, बहू और पोती अमेरिका से पंचकूला के गुरुद्वारा नाडा साहिब में अखंड पाठ के लिए आएंगे। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर जगीर सिंह ने बताया कि शनिवार को उनके पास सेक्टर-6 निवासी बलवीर दंदयान आए और कहने लगे कि 24 सितंबर को मेरी पोती का पहला जन्मदिन है और हरियाणा में लगातार बेटियों की कोख में हत्याओं के बढ़ रहे मामलों से आहत हूं।
नागरिकता कहीं की हो, अपनी धरती से मोह जरूरी
दादा के साथ नन्ही जहनाब।
बलवीर सिंह दंदयान ने मैनेजर को बताया कि उनका बेटा आरजू दंदयान और बहू अरमान दंदयान बच्चा पैदा होने से पूर्व अमेरिका गए थे। अमेरिका में ही 24 सितंबर 2017 को अरमान ने बेटी जहनाब को जन्म दिया था। जहनाब की नागरिकता अमेरिका की होने के कारण उनके बच्चों का यहां की धरती से मोह रहे, इसलिए अगले 21 साल तक नाडा साहिब में तीन दिन के अखंड पाठ की पर्ची कटवा ली।
माता-पिता के साथ जहनाब।
अमृतसर में बात कर मैनेजर ने दी परमिशन
मैनेजर जगीर सिंह ने बताया कि काफी समझाने के बाद जब बलवीर सिंह दंदयान नहीं माने तो उन्होंने दो साल की पर्ची कटवाने को कहा। इस पर उन्होंने कहा कि यदि दो साल बाद मेरी मौत हो गई तो कौन पर्ची कटवाने आएगा। इसके बाद मैनेजर ने अमृतसर में प्रबंधकों से बातचीत के बाद 21 साल के लिए 22 सितंबर से 24 सितंबर तक बलवीर सिंह दंदयान की पोती जहनाब के जन्मदिन पर अखंड पाठ की डेढ़ लाख रुपये की बुकिंग कर दी। नाडा साहिब में एक अखंड पाठ पर 7500 रुपये की बुकिंग होती है।
घृणा करने वालों को संदेश देना जरूरी था
बलवीर दंदयान ने कहा कि मेरा गुरुद्वारा नाडा साहिब में अटूट विश्वास है और मेरी घर में पहली पोती हुई, तो मुझे लगा कि बेटियों के प्रति घृणा रखने वाले लोगों को एक संदेश देना चाहिए कि बेटियां बेटों से कहीं बढ़कर है। आने वाले लगातार 20 साल तक सितंबर में तीन दिन अब मेरा बेटा, बेटी और पोती गुरुद्वारा नाडा साहिब में अखंड पाठ के जरिये भारत तो आएंगे और यहां की संस्कृति से उनका जुड़ाव रहेगा।
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