Haryana Local Body Election: चुनाव प्रचार में गंदगी फैला रहे प्रत्याशी एनजीटी के निशाने पर, अफसरों पर भी होगी कार्रवाई
हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। प्रचार के दौरान गंदगी फैलाने वाले प्रत्याशियों पर एनजीटी जुर्माना लगाएगा। कार्रवाई के लिए स्थानीय निकाय के निदेशक और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव की ड्यूटी लगाई गई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 46 नगर परिषदों और पालिकाओं में प्रधान व पार्षद पद के लिए चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच गया है। सार्वजनिक स्थलों पर जनसभाएं, जुलूस और डोर-टू डोर कैंपेन चला रहे उन प्रत्याशियों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की नजर टेढ़ी हो गई है जो गंदगी फैला रहे हैं।
कार्यक्रम के बाद सफाई नहीं कराने वाले प्रत्याशियों पर न केवल जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में भी इसका उल्लेख किया जाएगा। इसका सीधा असर उनकी पदोन्नति पर पड़ेगा।
18 नगर परिषदों और 28 नगर पालिकाओं में चल रहे चुनाव प्रचार के दौरान गंदगी फैलाने वाले प्रत्याशियों और उनके समर्थकों पर विशेष नजर रखी जाएगी। पालिथिन की झंडियां और अन्य प्रचार सामग्री यहां-वहां नहीं गिराई जा सकेंगी।
पिछले दिनों सोनीपत और पानीपत में हुई एनजीटी की हरियाणा निगरानी कमेटी की बैठक में मुद्दा उठा था कि कुछ लोग सार्वजनिक स्थलों पर रैली, जनसभाओं और बैठकों के बाद खाने-पीने का सामान, प्लास्टिक की बाेतलें और प्लेट सहित अन्य कचरा वहीं पर छोड़कर चले जाते हैं। यह सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमाें का खुला उल्लंघन है।
इस पर एक्शन लेते हुए एनजीटी की हरियाणा मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतमपाल सिंह ने स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव को अलग-अलग पत्र लिखकर सख्त निर्देश दिया है कि प्रत्याशियों को गंदगी फैलाने से रोकने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करें। अगर कोई अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी आयोजकों को चिन्हित कर जुर्माना लगाएंगे।
मुख्य सचिव को भी लिखी चिट्ठी
जस्टिस प्रीतमपाल सिंह ने मुख्य सचिव को भी पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों और रेल मार्गों को स्वच्छ रखने के लिए उपायुक्तों को निर्देशित करें। एक महीने के भीतर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और रेल मार्गों को गंदगी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
एनजीटी भी इसकी निगरानी करेगा। अगर कहीं गंदगी मिलती है तो लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए न केवल प्रदेश सरकार को लिखा जाएगा, बल्कि मानिटरिंग कमेटी एनजीटी से भी कार्रवाई की संस्तुति करेगी। पिछले दिनों पंजाब में एक बड़े अधिकारी के खिलाफ भी गंदगी को लेकर कड़ी कार्रवाई हो चुकी है।
कोरोना में पटरी से उतरा सिस्टम
जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने बताया कि इससे पहले 2019 में भी सफाई अभियान शुरू किया गया था। तब गुरुग्राम में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में अफसरों ने शपथ ली थी कि एक महीने में हाईवे और रेलवे लाइनों पर कहीं गंदगी नहीं दिखेगी। इसके बाद बड़े पैमाने पर अभियान शुरू हुआ जिसमें काफी सफलता मिली। फिर कोरोना आ गया और स्थिति बिगड़ती चली गई। अब एक महीने में फिर से सभी सड़कों और रेलमार्गों को गंदगी मुक्त करने की मुहिम छेड़ी गई है।