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कैंसर की ओर धकेल रही आरामदेह जीवनशैली, हरियाणा में हर साल बढ़ रहे मरीज

हरियाणा में हर साल कैंसर के मरीज और इससे मौत का बढ़ता आंकड़ा खतरे की घंटी बजा रहा है। खेती में उर्वरकों व कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल और आरामदेह जीवनशैली जिम्‍मेदार है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 04 Feb 2018 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 04 Feb 2018 12:09 PM (IST)
कैंसर की ओर धकेल रही आरामदेह जीवनशैली, हरियाणा में हर साल बढ़ रहे मरीज
कैंसर की ओर धकेल रही आरामदेह जीवनशैली, हरियाणा में हर साल बढ़ रहे मरीज

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। खेती में उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल और आरामदेह जीवन शैली हरियाणा के लोगों को कैंसर की ओर धकेल रही है। पिछले पांच साल में ही प्रदेश में करीब सात हजार नए लोग कैंसर की चपेट में आ गए। इस दौरान मृतकों की संख्या भी दोगुनी तक जा पहुंची। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, जबकि पुरुषों में फेफड़ों और गले का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है।

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चार साल में कैंसर से मरने वालों की संख्या दोगुनी, हर साल बढ़ रहे मरीज

जहरीले होते भू-जल और खाद्य सामग्री के चलते अचानक बढ़ी बीमारी का मामला हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठ चुका। अकेले 2016 में ही प्रदेश में कैंसर से पीडि़त 3668 लोगों को जान गंवानी पड़ी। रोहतक में 553, अंबाला में 169, फरीदाबाद में 108 और हिसार में कैंसर से 553 लोगों की मौत हुई। इसी तरह जींद में 394, सोनीपत में 490, यमुनानगर में 532, सिरसा में 315, गुरुग्राम में 180 और फतेहाबाद में 315 कैंसर मरीज असमय काल का शिकार बन गए।

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर तो पुरुषों में फेफड़ों और गले के कैंसर की शिकायतें आम

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में कैंसर के सबसे अधिक मामले हरियाणा में दर्ज किए गए हैं। बावजूद इसके सरकार इसे रोकने में विफल हो रही है। पिछले साल के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 39.6 फीसद मामलों के साथ हरियाणा पहले स्थान पर रहा।

दरअसल कैंसर के जानलेवा साबित होने का बड़ा कारण लोगों में जागरूकता की कमी और इलाज की उचित व्यवस्था न होना है। गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों के लिए इस बीमारी में इलाज का एकमात्र विकल्प सरकारी अस्पताल ही हैं, लेकिन इन अस्पतालों में न तो कैंसर से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं हैं और न मेडिकल उपकरण।

स्वास्थ्य विभाग के पास लिनियर एक्सीलिरेटर या रेडियेशन मशीन की भारी कमी है। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए आवश्यक मेमोग्राफी मशीन सिर्फ चार जिलों के नागरिक अस्पतालों में है। मानकों के अनुसार हर दस लाख लोगों पर कैंसर डिटेक्शन मशीन होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।

केंद्र से मदद मिले तो घर-घर जाकर जांच : विज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हर जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें कैंसर के बढ़ते मरीजों के कारणों की जांच में लगाई गई हैं। बीमारी के मामले प्रदूषित पानी से बढ़ रहे हैं या कोई और कारण है, इस पर जल्द ही रिपोर्ट सामने होगी। हमने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिख कर उच्च स्तरीय टीमों से जांच कराने की भी मांग की है। केंद्र से सहायता मिले तो सरकार घर-घर जाकर जांच करेगी ताकि समय रहते समस्या से निपटा जा सके। कैंसर मरीजों के लिए झज्जर में एम्स का अस्पताल बन रहा है। इसके अलावा अंबाला में भी कैंसर  मरीजों के लिए विशेष सेंटर जल्द ही तैयार किया जाएगा।

हरियाणा में कैंसर की भयावह स्थिति

वर्ष             मरीज             मौतें

2013       11,717          1845

2014       11,776          2715

2015       13,697          3317

2016       16,180          3668

2017       19,385          3987


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