Startup Policy: हरियाणा में नई स्टार्टअप पालिसी को मंत्रिमंडल की मंजूरी, ग्रामीण युवाओं पर फोकस
हरियाणा में नई स्टार्टअप पालिसी को मंजूरी दे दी गई है। नए स्टार्टअप शुरू करने में आर्थिक प्रोत्साहन व सब्सिडी के प्रविधान रखा गया है। ग्रामीण युवाओं पर खास फोकस है। इससे राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में स्टार्टअप पालिसी को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत अपना खुद का रोजगार खड़ा करने वाले युवाओं को सरकार हर तरह का प्रोत्साहन प्रदान करेगी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्टार्टअप शुरू करने वाले लोगों का पालिसी में विशेष ख्याल रखा गया है। राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि देश भर में स्टार्टअप की बात करें तो हरियाणा का तीसरा स्थान है। 60 हजार नई स्टार्टअप कंपनियों में से पांच हजार कंपनियां हरियाणा में हैं, जो 12 प्रतिशत बनती हैं। नी स्टार्टअप पालिसी के तहत अलग-अलग छूट देकर नए-नए स्टार्टअप को हरियाणा में आकर्षित किया जाएगा। हरियाणा की नई स्टार्टअप नीति में ग्रामीण युवाओं को विशेष मौका मिलेगा। यह नीति युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने व आर्थिक रूप से संपन्न बनाने में गेमचेंजर साबित होगी।
हरियाणा सरकार की नई स्टार्टअप पालिसी बनाने में गठबंधन के साथ उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का खासा सहयोग रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि स्टार्टअप पालिसी में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही सब्सिडी भी मुहैया कराई जाएगी।
नई नीति में ग्रामीण क्षेत्र व छोटे कस्बों के युवाओं को अपनी तकनीक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। कालेज व यूनिवर्सिटी के युवाओं के लिए नए शोध व पेटेंट के क्षेत्र में आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा सकेगी। नीति में ऐसे प्रविधान किए गए हैं, जिससे पिछड़े क्षेत्रों के युवाओं को कृषि, डेयरी व बागवानी जैसे क्षेत्र में अपने स्टार्टअप आरंभ करने की सुविधा हो। नई नीति राज्य के विकास और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देगी।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि आजकल 99 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप आइटी पर आधारित हैं। नई नीति में शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि के क्षेत्र में भी स्टार्टअप चालू करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया गया है। अगर कोई व्यक्ति नया स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो सरकार उसकी योजना को ध्यान में रखकर आर्थिक मदद करेगी।
अब वन क्षेत्र के 500 मीटर बाहर तक लग सकेंगे लकड़ी उद्योग
हरियाणा में अब वन क्षेत्र के 500 मीटर बाहर तक लकड़ी आधारित उद्योग स्थापित किए जा सकेंगे। पहले वन क्षेत्र के तीन किलोमीटर के बाहर ही लकड़ी आधारित उद्योग लगाने की अनुमति थी। मनोहर मंत्रिमंडल के इस फैसले से उन उद्यमियों को राहत मिलेगी, जिनके उद्योग तीन किलोमीटर के दायरे में होने के कारण तलवार लटक रही थी।
कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में वन क्षेत्र के 500 मीटर के बाहर व तीन किलोमीटर के भीतर स्थित मौजूदा लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस या पंजीकरण की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह संशोधन किया गया है। इससे लकड़ी आधारित उद्योगों के विकास के लिए अधिक अवसर मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि झज्जर के बेरी में स्थित श्री माता भीमेश्वरी देवी मंदिर (आश्रम) का नियंत्रण सरकार अपने हाथ में लेगी। वर्तमान में इसका प्रबंधन एक महंत परिवार के हाथों में है। एक अन्य फैसले में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा पूंजीगत व्यय और बिजली खरीद भुगतान को पूरा करने के लिए सेंट्रल बैंक आफ इंडिया से लिए जाने वाले ऋण के लिए 700 करोड़ रुपये की गारंटी सरकार देगी।
आर्थिक एवं सांख्यिकीय विश्लेषण विभाग का नाम बदला
आर्थिक एवं सांख्यिकीय विश्लेषण विभाग का नाम बदलकर आर्थिक एवं सांख्यिकीय मामले विभाग कर दिया गया है। योजना विभाग के तहत स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान नाम से एक संस्थान भी स्थापित किया गया है। प्रदेश में ‘चिट फंड्स अधिनियम 1982’ और ‘हरियाणा चिटफंड नियम, 2018’ के कार्यान्वयन का कार्य भी इस विभाग को सौंपा गया है।