हरियाणा में आसान हुआ बिजनेस, अब नंबर वन के लिए सरपट दौड़
हरियाणा में बिजनेस करना आसान हो गया है। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा के लंबे छलांग के बाद बदले हालात को स्पष्ट कर रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में बिजनेस करना उद्यमियों और व्यापारियों के लिए अब पहले से आसान हो गया है। ईज आफ डूइंग बिजनेस में कभी 16वें पायदान पर रहने वाले हरियाणा की भाजपा सरकार ने पिछली नीतियों में बदलाव कर कारोबारियों को तमाम वे सुविधाएं मुहैया कराई, जिनकी उन्हें जरूरत रहती है। इसका असर यह हुआ कि हरियाणा पहले छठे, फिर चौथे और अब तीसरे पायदान पर पहुंच गया है। उत्तर भारत के राज्यों में हरियाणा पहले नंबर पर है। इससे सरकार उत्साहित है।
ईज आफ डूइंग बिजनेस में पहले 16वें पायदान पर हुआ करता था हरियाणा
ईज आफ डूइंग बिजनेस की राष्ट्रीय रैैंकिंग जारी होने के साथ ही सरकार ने अब पहले नंबर पर आने का टारगेट तय कर लिया है। तमाम उन कारणों की पड़ताल की जाएगी, जिनकी वजह से हरियाणा पहले नंबर पर नहीं पहुंच पाया है। इसके लिए उद्योग मंत्री विपुल गोयल जल्द ही अधिकारियों के साथ बैठक कर उन तमाम बाधाओं को दूर करेंगे, जो हरियाणा के नंबर वन की राह में रोड़ा हैैं।
टॉप थ्री में पहुंचे हरियाणा को थी इसी रैंकिंग में पहले नंबर की उम्मीद, उत्तर भारत में टॉप पर
हरियाणा मात्र एक साल में चौथे स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंचा और 'टॉप अचीवर्स' राज्यों की सूची में जगह बरकरार रखी है। इस बार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस-2017' की रैंकिंग का मूल्यांकन करने के फार्मूले में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। रैंकिंग करते वक्त बिजनेस करने के मामले में हुए सुधार व उद्योगपतियों से मिली फीडबैक को आधार बनाकर एक स्कोर-कार्ड बनाया गया, जिसमें हरियाणा ने ओवरऑल 98.07 फीसद का स्कोर हासिल किया।
पिछले तीन साल में राज्य सरकार की उद्यमी प्रोत्साहन नीति-2015 से बुनियादी ढांचा सुदृढ़ हुआ और उद्योगों में रोजगार के अधिक अवसर सृजित हुए हैं। उद्योग मंत्री विपुल गोयल के अनुसार हरियाणा में निवेशकों को अधिक आकर्षित करने के लिए सरकार ने फरवरी-2017 में हरियाणा उद्योग प्रोत्साहन केंद्र नामक 'सिंगल रूफ मैकेनिज्मÓ की स्थापना की। सभी औद्योगिक स्वीकृतियां और लाइसेंस सिंगल विंडो पर दिए जा रहे हैैं। ऐसा करने वाला हरियाणा एकमात्र राज्य है।
सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये 45 दिन में स्वीकृतियां
उद्योग मंत्री के अनुसार, एकल कार्यालय के माध्यम से सभी औद्योगिक स्वीकृतियां समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन मिल रही है। अगर ऑनलाइन आवेदन के बाद अधिकतम 45 दिन में कोई बिजिनेस क्लीयरेंस नहीं होती है तो उस आवेदन की खुद ही क्लीयरेंस मानी जाएगी। विपुल गोयल ने बताया कि सेवाओं का फीडबैक देने के लिए सरकार ने उद्यमियों को 'रैपिड असेसमेंंट सिस्टम' दिया है।
हरियाणा में औद्योगिक प्लॉट खुद प्रमाणित करने की सुविधा
मंत्री के अनुसार, औद्योगिक प्लॉटों के बिल्डिंग प्लान में प्रमाण-पत्र लेने के लिए पहले कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थी, लेकिन अब 'हरियाणा कॉमन बिल्डिंग कोड-2017' के अनुसार सभी औद्योगिक प्लॉटों को स्वत: प्रमाणित करने की सुविधा शुरू कर दी गई है। इसी इसी प्रकार 10 श्रम कानूनों का एक साथ निरीक्षण करने के लिए नियम बनाया जिससे उद्योगपतियों को इंस्पेक्टरी राज से मुक्ति मिली है।
'टॉप पर आने के लिए और बढ़ाएंगे सुविधाएं'
'' हरियाणा सरकार उद्यमियों के प्रति बेहद फिक्रमंद है और उनके कल्याण की दिशा में तमाम काम कर रही है। हरियाणा ईज आफ डूइंग बिजनेस में छठे से तीसरे पायदान पर पहुंचा है। हमारा लक्ष्य इसे नंबर वन पर लाने का है। इसके लिए जो सुविधाएं और काम और किए जा सकते हैैं, वह किए जाएंगे।
- विपुल गोयल, उद्योग मंत्री, हरियाणा।