हरियाणा में गेहूं की बंपर पैदावार, पर रखोगे कहां सरकार
हरियाणा में गेहूं की बंपर पैदावार (117.80 लाख मीट्रिक टन) का अनुमान है, लेकिन सरकार के पास इसे रखने के लिए संसाधन अप्रर्याप्त हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में इस बार गेहूं का रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल 114.80 लाख मीट्रिक टन ( एक मीट्रिक टन एक हजार किलोग्राम के बराबर होता है) गेहूं उत्पादन की अपेक्षा इस बार 117.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन की संभावना है। यानी तीन लाख मीट्रिक टन अधिक गेहूं खेतों में पैदा हो सकता है।
राज्य सरकार ने पिछले साल 74 लाख मीट्रिक गेहूं की खरीद के बंदोबस्त किए थे, जबकि इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के इंतजाम का दावा किया जा रहा है। अधिक मात्रा में गेहूं की पैदावार व खरीद के कारण इसके भंडारण में दिक्कत आ सकती है। हालांकि सरकार ने भंडारण के पुख्ता बंदोबस्त होने का दावा किया है। यह बात अलग है कि हर बार सरकार का दावा पूरा नहीं होता है।
हरियाणा में गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से आरंभ हो चुकी है, लेकिन इस दिन रविवार होने तथा सोमवार को भारत बंद की वजह से गेहूं खरीद के पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए हैैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम निवास ने सभी जिला उपायुक्तों को परिपत्र लिखकर गेहूं खरीद के पुख्ता बंदोबस्त करने को कहा है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यालय से भी आइएएस अधिकारियों को मंडियों में भेजा जाएगा।
प्रदेश में बनाई 383 मंडियां
प्रदेश में गेहूं खरीद के लिए 383 मंडियां बनाई गई हैैं। किसानों को 48 से 72 घंटों के भीतर गेहूं का पेमेंट होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने रिजर्व बैैंक आफ इंडिया से 4900 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। प्रदेश में इस बार सिर्फ चार खरीद एजेंसियां ही किसानों का गेहूं खरीदेंंगी। 88 फीसद गेहूं राज्य सरकार की तीन एजेंसियां तथा 12 फीसदी गेहूं केंद्र सरकार की एकमात्र एजेंसी खरीदेगी।
इस बार 110 रुपये बढ़ाया समर्थन मूल्य
राज्य में गेहूं का सरकारी खरीद मूल्य पिछले साल 1625 रुपये क्विंटल था। इस बार 1735 रुपये क्विंटल के रेट पर गेहूं खरीदी जा सकेगी। हैफेड द्वारा 40 फीसद, खाद्य व आपूर्ति विभाग द्वारा 33 फीसद, हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा 15 फीसद तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 12 फीसद गेहूं की खरीद होगी। गेहूं की खरीद 12 फीसद नमी पर होगी। इससे अधिक नमी पर किसानों को गेहूं बेचने में परेशानी आ सकती है।
गेहूं के भरान और उठान के लिए मुस्तैदी
गेहूं के भरान और उठान को लेकर भी सरकार चिंतित है। खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज के अनुसार सरकार द्वारा 2 लाख 96 हजार 680 जूट की गांठ मंगवाई गई हैैं। इनमें से 2 लाख 66 हजार 370 गांठ पहुंच चुकी हैैं। सरकार के पास पहले से 20 हजार प्लास्टिक की गांठ मौजूद हैैं। गेहूं के नियमित उठान के निर्देश भी सरकारी एजेंसियों को दिए गए हैैं।
40 लाख मीट्रिक टन गेहूं भंडारण का करना होगा इंतजाम
भारतीय खाद्य निगम तथा राज्य की खरीद एजेंसियों की भंडारण क्षमता 81.20 लाख मीट्रिक टन है। इसमें से करीब 40 लाख मीट्रिक टन में चावल तथा गेहूं पहले से भंडारित है। मौजूदा रबी सीजन में राज्य के पास 41 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता रहेगी। यानी 40 लाख मीट्रिक टन अनाज के भंडारण का अलग बंदोबस्त करना होगा।
खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज के अनुसार 10 लाख मीट्रिक टन गेहूं अन्य राज्यों को भेजा जाएगा। प्राइवेट गोदाम तथा प्लिंथ किराये पर लिए जा रहे हैैं। इसके लिए 41 लोगों ने आवेदन किए हैैं। बावजूद इसके यदि कुछ गेहूं खुले में लगाना पड़ा तो उसके उठान के लिए भारतीय खाद्य निगम की जिम्मेदारी तय की गई है।
ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामनिवास के अनुसार मंडियों में सुरक्षा तथा ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को पत्र लिखा गया है। इसके लिए मंडियों में आवश्यक निगरानी दस्ते नियुक्त किए जाएंगे। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों तथा मार्केट कमेटी के सचिवों को किसानों के हित में जरूरी बंदोबस्त करने को कहा गया है।
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