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हरियाणा का बजट सत्र शुरू, राज्‍यपाल के अभिभाषण में किसानों पर फोकस

हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को दोपहर बाद राज्‍यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हाे गया। राज्‍यपाल के अभिभाषण में किसानों के मुद्दों पर फोकस किया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 04:31 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 05:38 PM (IST)
हरियाणा का बजट सत्र शुरू, राज्‍यपाल के अभिभाषण में किसानों पर फोकस
हरियाणा का बजट सत्र शुरू, राज्‍यपाल के अभिभाषण में किसानों पर फोकस

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को दाेपहर बाद राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है। राज्‍यपाल के अभिभाषण में किसानों मुद्दे पर खासा फोकस था। राज्‍यपाल ने कहा कि हरियाणा शीघ्र ही ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत किसानों को पेंशन देने के मामले में देश का अव्‍वल राज्‍य हो जाएगा। हरियाणा में साढ़े 10 लाख से अधिक किसानों के हर परिवार को 2,000 रुपये की पहली त्रैमासिक किश्त का वितरण सुनिश्चित करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के विजन को भी आगे बढ़ा रही है।

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बजट सत्र की अवधि घटाई गई, अब 5 मार्च की जगह 27 फरवरी तक चलेगा, बजट 25 फरवरी को पेश हाेगा

बता दें कि बुधवार को दोपहर बाद हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। बजट सत्र की अवधि अब घटा दी गई है और यह अब 27 फरवरी तक चलेगा। बजट अब 25 फरवरी को पेश किया जाएगा। 22 और 26 फरवरी को विधानसभा की डबल सेटिंग होगी। पहले बजट सत्र 5 मार्च तक चलाने का कार्यक्रम तय किया गया था और बजट 26 फरवरी को पेश किया जाना था।

बजट सत्र में अभिभाषण के लिए विधानसभा पहुंचने पर राज्‍यपाल का स्‍वागत करते सीएम मनोहरलाल।

राज्‍यपाल ने कहा कि गत वर्ष हरियाणा ने देश में पहली बार केवल किसानों के हितों को समर्पित ‘किसान कल्याण प्राधिकरण’ का गठन किया। मंडियों में लाए गए बाजरे के हर दाने की खरीदा गया और 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सीधे किसानों के खातों में इसकी अदायगी की गई। गन्ने का सर्वाधिक 340 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया गया। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद की गई अधिकतर फसलों को ई-खरीद पोर्टल (मेरी फसल मेरा ब्यौरा) के अंतर्गत किसानों के पूर्व पंजीकरण के माध्यम से खरीदने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष सरसों की 2.70 लाख टन तथा बाजरे की 1.80 लाख टन की रिकार्ड खरीद की गई।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार बागवानी फसलों के लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि बाजार भाव अत्याधिक गिरने की स्थिति में किसान को कम से कम उसकी उत्पादन लागत अवश्य मिले। इस वर्ष भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 21,573 किसानों का पंजीकरण किया और 2.58 करोड़ रुपये भाव में अंतर के रूप में दिए गए।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा नई विशेष मंडियां स्थापित की जा रही हैं। पिंजौर की अति आधुनिक समेकित सेब मण्डी का शिलान्यास किया जा चुका है। गन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय थोक मंडी के निर्माण और संचालन के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल बनाया गया है। आगामी वर्ष में शेरसा, कुण्डली में मसालों की और गुरुग्राम में फूलों की थोक मंडियां स्थापित की जाएंगी। प्रदेश की 54 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने में हरियाणा एक अग्रणी राज्य है। इससे किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चालू वर्ष के दौरान नवंबर 2018 तक कुल दुग्ध उत्पादन  68.48 लाख टन तक पहुंच गया है, जोकि 9.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्र्शाता है। हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता राष्ट्रीय औसत 375 ग्राम की तुलना में 1100 ग्राम तक पहुंचने की आशा है। हमारा राज्य देश में दुग्ध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि राज्य में पशु पालकों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए चालू वर्ष के दौरान प्रदेश में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुु बीमा’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पशु पालक प्रत्येक पशु के बीमे के लिए 100 रुपये का भुगतान करके एक वर्ष के लिए अपने पांच बड़े पशुओं का बीमा करवा सकता है अथवा वह प्रत्येक पशु के लिए 25 रुपये का भुगतान करके एक वर्ष के लिए 50 छोटे पशुुओं का बीमा करवा सकता है। बड़े पशुओं के लिए बीमा कवरेज 1,25,000 रुपये तक तथा छोटे जुगाली करने वाले पशुुओं (भेड़ एवं बकरियों) और सुअरों के लिए 5,000 रुपये है।


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