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गायों की दुर्दशा सुधारने के लिए नस्ल सुधार जरूरी : आचार्य देवव्रत

जासं, पंचकूला : श्रीमाता मनसा देवी गोधाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को धूमधाम से

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 11:13 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 11:13 PM (IST)
गायों की दुर्दशा सुधारने के लिए नस्ल सुधार जरूरी : आचार्य देवव्रत
गायों की दुर्दशा सुधारने के लिए नस्ल सुधार जरूरी : आचार्य देवव्रत

जासं, पंचकूला : श्रीमाता मनसा देवी गोधाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को धूमधाम से समापन हुआ। समापन समारोह में हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित हुए। कार्यक्रम में हरियाणा के श्रममंत्री नायब सिंह सैनी विशेष अतिथि के तौर पर पहुंचे। उनका गोधाम के प्रधान कुलभूषण गोयल एवं महासचिव डॉ. नरेश मित्तल ने स्वागत किया। इस दौरान कथा व्यास डॉ. अमृता दीदी ने भागवत के अंतिम श्लोक सुनाकर उनकी व्याख्या की। अंतिम दिन लगभग 10 हजार के करीब लोग गोधाम पहुंचे।

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इस अवसर पर हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि आज गायों की दुर्दशा पर अंकुश लगाने के लिए उनके नस्ल में सुधार की जरूरत है। ऐसा करने से गायों की पूछ बढ़ेगी। लोग कहते हैं कि गाय ज्यादा दूध नहीं देती, लेकिन हम लोगों ने गायों की नस्लों को खराब कर दिया है। आचार्य देवव्रत ने पंचकूला गोधाम के प्रबंधकों को टिप्स देते हुए कहा कि आठ किलो दूध देने वाली गायों की नस्ल सुधार कर उसे 25 से 30 किलो तक दूध देने वाली गाय बनाया जा सकता है। उन्होंने सवाल किया कि जो गाय 25 किलो दूध देगी, क्या उसे कोई सड़क पर छोड़ेगा। हिमाचल में अपनाया जाएगा हरियाणा का मॉडल

उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और आज कृषि बर्बादी की कगार पर है, इसलिए कृषि की हालत को भी सुधारना होगा। आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल सरकार ने हरियाणा के मॉडल को स्वीकार कर लिया है और लगभग तीन हजार किसानों को ट्रेनिंग दी गई है। किसान को ट्रेंड कर रहे हैं।


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