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अब शायद ही बिखरने से बच पाए चौटाला परिवार, इनेलो सुप्रीमो नरम पड़ने को तैयार नहीं

दुष्‍यंत और दिग्विजय चौटाला को लेकर इनेलाे सुप्रीमो आेमप्रकाश चौटाला के रुख से चौटाला परिवार का टूटना तय हो गया है। पूरे मामले में आेमप्रकाश चौटाला नरम पड़ने को तैयार नहीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 11:17 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 11:41 AM (IST)
अब शायद ही बिखरने से बच पाए चौटाला परिवार, इनेलो सुप्रीमो नरम पड़ने को तैयार नहीं
अब शायद ही बिखरने से बच पाए चौटाला परिवार, इनेलो सुप्रीमो नरम पड़ने को तैयार नहीं

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। चौटाला परिवार के बिखरने के पूरे आसार बन गए हैैं। इनेलो संसदीय दल के नेता दुष्यंत चौटाला व उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला के खिलाफ लिए गए कड़े फैसले जहां कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहे, वहीं पार्टी में अनुशासन को तरजीह दे रहे ओमप्रकाश चौटाला अपना फैसला बदलने को तैयार नहीं हैैं।

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इनेलो से निकालने पर दुष्यंत-दिग्विजय को मिलेगा राजनीतिक लाभ

नई राजनीतिक परिस्थितियों में यदि दुष्यंत व दिग्विजय को पार्टी से निकाला जाता है तो उन्हें न केवल सहानुभूति हासिल होगी, बल्कि अभय चौटाला को छह साल संगठन में काम करके दिखाने का फायदा भी बड़ी जिम्मेदारी के रूप में मिल सकता है।

अभय चौटाला भी मजबूत होकर उभरेंगे, बड़ी जिम्मेदारी मिलने के आसार

गुरुग्राम में हुई इनेलो की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को इनेलो से बाहर का रास्ता दिखाने की भूमिका तो तैयार हो गई, मगर इसके साथ ही पार्टी दोफाड़ होने की दिशा में भी आगे बढ़ गई है। दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला इनेलो महासचिव डा. अजय सिंह चौटाला के बेटे हैैं। अजय चौटाला अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला के साथ जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में सजा काट रहे हैैं।

गोहाना में हुई रैली में हूटिंग के लिए दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को सीधे तौर पर दोषी माना जा रहा है। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की ओर से उन्हें जो नोटिस दिया गया है, उसमें साफ तौर पर इस बात का उल्लेख है कि दुष्यंत और दिग्विजय के कहने पर ही उनके समर्थकों ने माहौल खराब करने की कोशिश की।

अपने दादा के नोटिस पर सवाल उठाते हुए दुष्यंत चौटाला ने उनसे तमाम वह सबूत मांग लिए, जिनके आधार पर उन्हें गोहाना रैली में हूटिंग का दोषी ठहराया जा रहा है। अब अगर दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को यदि पार्टी से निकाला जाता है तो उन्हें सहानुभूति हासिल होगी। उनके पिता अजय चौटाला जेल में हैैं। यदि दुष्यंत खुद पार्टी छोड़ देते हैैं तो उनकी लोकसभा की सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता है।

दुष्यंत के पास भरा पंडाल तो अभय के पास मजबूत मंच

हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने अपने पिता व भाई के जेल जाने के दौरान मेहनत के साथ संगठन को खड़ा किया है। लिहाजा ओमप्रकाश चौटाला समर्थक तमाम नेता अभय चौटाला के साथ हैैं और मानते हैैं कि टिकट बांटने में उनकी अहम भूमिका रहने वाली है। लिहाजा अभय का मंच अक्सर भरा नजर आता है। दुष्यंत चौटाला यूथ और मेहनती हैैं। उन्हें महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की सहानुभूति हासिल है। अजय के जेल में होने की सहानुभूति का लाभ भी दुष्यंत को मिल सकता है। उनके पास पंडाल है, जिसमें कार्यकर्ता मौजूद हैैं।

'अनुशासित कार्यकर्ता ही पार्टी की पहचान'

'' यदि पार्टी का कोई व्यक्ति अनुशासनहीनता में संलिप्त पाया जाता है तो उसके पद को देखे बिना कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इनेलो की प्रतिष्ठा उसके अनुशासित कार्यकर्ताओं पर निर्भर करती है। जिस प्रकार के दृश्य रैली में देखे गए, उनसे कर्मठ कार्यकर्ता और नेता आहत हुए। इस कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई आवश्यक हो जाती है।

                                                                           - ओमप्रकाश चौटाला, इनेलो अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री।


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