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Lockdown में Blood donors की कमी, थैलासीमिया मरीजों की मुश्किलें बढ़ी

Corornavirus COVID-19 के कारण रक्तदाताओं की संख्या में कमी आई है। इसके कारण थैलासीमिया मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 08:40 AM (IST)
Lockdown में Blood donors की कमी, थैलासीमिया मरीजों की मुश्किलें बढ़ी
Lockdown में Blood donors की कमी, थैलासीमिया मरीजों की मुश्किलें बढ़ी

जेएनएन, नई दिल्ली। Coronavirus COVID-19 के कहर से बचने को लागू Lockdown में दिल्ली NCR के 2200 थैलासीमिया (Thalassemia) रोगियों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। इन रोगियों को औसतन प्रतिमाह तीन हजार यूनिट रक्त चढ़ाया जाता है। Lockdown से पहले इनके लिए रक्त और रक्त चढ़ाने वाले अस्पतालों की कोई कमी नहीं थी। सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित रक्तदान शिविरों और व्यक्तिगत रूप में रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं की वजह से रक्तदान के प्रति समाज में खासा उत्साह रहता था, मगर 22 मार्च से अब तक 19 दिनों में यह उत्साह बहुत ही धीमा पड़ गया है।

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कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते फिलहाल Lockdown में रक्तदाताओं की संख्या नहीं के बराबर रह गई है। पहले जहां दिल्ली एनसीआर में तीन हजार यूनिट प्रतिमाह अतिरिक्त रहता था, वहीं अब रक्तबैंकों के लिए फिलहाल कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त स्टॉक रखना मुश्किल हो गया है। थैलासीमियाग्रस्तों को उनकी उम्र के अनुसार एक से दो यूनिट रक्त 15 से 20 दिन के अंतराल में चाहिए।

COVID-19 के लिए एम्स के समर्पण से आ रही हैं मुश्किलें

दिल्ली एम्स को कोविड-19 के लिए समर्पित कर दिया गया है और वहां अन्य मेडिकल सुविधाएं स्थगित हैं। ऐसे में जिन रोगियों को नेगेटिव ग्रुप का रक्त चाहिए, उसके लिए सिर्फ अपोलो में ही सुविधा लेनी पड़ रही है। यह काफी महंगी है। ऐसे ही कुछ अन्य अस्पतालों, जिन्हें कोविड-19 के रोगियों के लिए समर्पित किया गया है, वहां थैलासीमियाग्रस्तों को रक्त नहीं चढ़ाया जा रहा है।

रक्तदान शिविर भी लगाए जाएं

थैलासिमिक इंडिया की शोभा तुली का कहना है कि कोरोना से निपटना पूरे देश की प्राथमिकता है, मगर थैलासीमियाग्रस्त रोगियों का उपचार भी जरूरी है। इसके लिए सरकारों को इस दौर में स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए। कुछ रक्तदान शिविरों का भी आयोजन होना चाहिए। दिल्ली में रेडक्रास सोसायटी तो स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले तीन या चार लोगों के लिए वाहन की व्यवस्था भी कर रही है।

आवश्यक श्रेणी में आए थैलासीमिया रोगियों का इलाज

फाउंडेशन अगेंस्ट थैलासीमिया, फरीदाबाद के रविंद्र डुडेजा का कहना है कि Lockdown के दौरान थैलासीमिया रोगियों का इलाज आवश्यक कार्यों की सूची में लाया जाना चाहिए। इससे न तो इनके लिए Lockdown पास बनवाने की समस्या आएगी और न ही इनके लिए रक्तदान करने वालों को प्रोत्साहित करने में कोई बाधा आएगी।

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