धान घोटाले के खिलाफ भाकियू ने दिया हल्ला बोल का अल्टीमेटम, कहा- CBI जांच हो
हरियाणा में धान घोटाला को लेकर माहौल गर्माता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन ने इसको लेकर हल्ला बोल का अल्टीमेटम दिया है। भाकियू ने इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। करोड़ों के धान घोटाले की जांच को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। धान घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए भाकियू नेताओं ने कहा कि पूरे मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।
सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन करेगा किसान संगठन, बिहार के चारा घोटाले से तुलना
मंगलवार को चंडीगढ़ में भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना, संगठन सचिव हरपाल सिंह व राकेश बैंस ने दावा किया कि यह धान घोटाला बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा है। उन्होंने भारी संख्या में फर्जी जे-फार्म जारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ सरकार ने 'मेरी फसल, मेरा ब्योरा योजना' शुरू की तो दूसरी ओर धान के सीजन में कृषि विपणन विभाग द्वारा एक पत्र जारी करके मात्र एक मोबाइल के माध्यम से बाहरी किसानों का पंजीकरण कर दिया गया।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते किसान नेता।
भाकियू नेताओं ने कहा कि सुनियोजित तरीके से अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर कुछ दिनों के लिए फिजिकल वेरीफिकेशन की छूट दी गई। इसका फायदा उठाकर न केवल उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के किसानों ने यहां आकर अपनी फसल बेची, बल्कि राइस मिल मालिकों ने फर्जी जे फार्म भरकर और झूठे गेट पास जारी कर बाहरी राज्यों से सीधे चावल खरीद लिया।
उन्होंने कहा कि धान खरीद शुरू होने से पहले तकनीकी कारणों का हवाला देकर किसान एसएमएस सुविधा भी बंद कर दी गई। इस घोटाले को अंजाम देने वालों ने मंडियों में लगे कांटे तक का इस्तेमाल नहीं किया। किसान नेताओं ने 90 करोड़ के घोटाले को कई गुणा बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि अभी तक किसी भी दोषी अधिकारी, कर्मचारी ओर शेलर मालिक के खिलाफ एफआइआर दर्ज नही की गई है।
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उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के भीतर सरकार नहीं जागी तो किसान यूनियन सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन करेगी। इस पर भी एक्शन नहीं हुआ तो घोटाले की जांच की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
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