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भाजपा कार्यकताओं ने भी कहा, जातीय दंगे के समय सोयी हुई थी सरकार

भाजपा की कार्यसमिति की पंचकूला की मोरनी में हुई बैठक में खूब हंगामा हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जब जातीय हिंसा हो रही थी तो प्रदेश सरकार सो रही थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Mar 2016 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2016 10:59 AM (IST)
भाजपा कार्यकताओं ने भी कहा,  जातीय दंगे के समय सोयी हुई थी सरकार

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जाट आरक्षण के प्रारूप पर मचे घमासान के बीच भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। दूर दराज से आए पार्टी कार्यकर्ताओं को न तो जाट आरक्षण के प्रारूप पर बोलने दिया गया और न राजनीतिक हालात पर राय जाहिर करने दी गई। अपनी बात कहने से रोकने पर कार्यकर्ता मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन के सामने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला से भिड़ गए। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जाट आंदोलन के दौरान जब जातीय दंगे हो रहे थे तो प्रदेश सरकार सो रही थी।

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भाजपा कार्यसमिति की बैठक में हंगामा, प्रदेश अध्यक्ष बराला से भिड़े कार्यकर्ता

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी कार्यकर्ताओं की खरी-खोटी सुननी पड़ी। मुख्यमंत्री द्वारा जाट आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से कंट्रोल करने की बात कहने पर कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए यहां तक कहा कि आम जनता में यही संदेश है कि प्रदेश जलता रहा और सरकार चुप्पी साधे तमाशा देखती रही।

पंचकूला के मोरनी में करीब छह घंटे तक चली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक पूरी तरह से बेनतीजा रही। 6 अप्रैल को पार्टी का स्थापना दिवस और 14 अप्रैल को यमुनानगर में राज्य स्तरीय अंबेडकर जयंती मनाने के फैसलों के अलावा बैठक में खास नहीं हुआ।

शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा जाट आरक्षण और एसवाईएल नहर पर दो राजनीतिक प्रस्ताव लेकर आए, जिनका अनुमोदन वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने किया। महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन तथा कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ प्रस्तावों के समर्थन में बोले।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने जैसे ही जाट आरक्षण पर अपनी बात कहनी चाही, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने उन्हें रोक दिया। हिसार के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रो. कृष्ण लाल रेणुआ ने कहा कि जिस तरह से कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर सच बोलने की कसम खाई जाती है, उसी तरह वे गीता पर हाथ रखकर कसम खाते हैं कि कुछ नहीं बोलेंगे।

...फिर ट्यूशन की क्लास लगाओ

भाजपा विधायक रणधीर कापड़ीवास अपनी बात कहने के लिए उठे तो उन्हें भी रोक दिया गया। कापड़ीवास सरकार नौकरियों पर श्वेतपत्र लाने की मांग करना चाह रहे थे। भाजपा कर्मचारी प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष रामफल शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ता को मंत्री से मिलने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। अब उन्हें ट्यूशन की तरह पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में तो ट्यूशन कक्लास ही लगा लो। इस पर खूब हंगामा हुआ।

सीएम को नारा लगवाने में करनी पड़ी मशक्कत

भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश बैठक में पूरी तरह से गायब दिखा। सीएम ने जब भगवान के सामने आरती करने के बाद मन्नत मांगने का प्रसंग सुनाया तो कार्यकर्ता तैश में आ गए। उन्होंने इसे सीएम की खुद की प्रशंसा के रूप में लिया। उन्हें भारत माता की जय का नारा लगवाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बैठक से दूरी बनाए रखी। विज बैठक खत्म होने के समय ही पहुंचे।

जाट आंदोलनकारियों व उपद्रवियों पर देनी पड़ी सफाई

मुख्यमंत्री ने बैठक में साफ कर दिया कि निर्दोष व्यक्तियों को ही 10 लाख रुपये मुआवजा व एक सरकारी नौकरी मिलेगी। जाट आरक्षण पर राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल आंदोलनकारी व उपद्रवी शब्द पर खासा बवाल हुआ, जिसके बाद मुख्यमंत्री को सफाई देनी पड़ी कि आंदोलनकारी अलग थे और उपद्रवी अलग।


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