आखिरकार बागी सांसद सैनी को लेकर भाजपा ने उठाया बड़ा कदम, अब करेगी ऐसा सुलूक
भाजपा ने आखिरकार बागी सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने सैनी से पूरी तरह नाता तोड़ने का फैसला किया है। भाजपा अब सैनी की गिनती अपने सांसदों में नहीं करेगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। कुरुक्षेत्र के बागी सांसद राजकुमार सैनी से भाजपा ने अपना नाता तोड़ लिया है। अलग पार्टी बनाकर जींद उपचुनाव में भाजपा को चुनौती देने वाले सैनी को पार्टी अब न तो अपने किसी कार्यक्रम में बुलाएगी और न ही उनकी गिनती अपनी पार्टी के सांसदों में करेगी। जींद उपचुनाव की रिपोर्ट मिलने के बाद भाजपा हाईकमान ने यह निर्णय लिया है।
अब किसी कार्यक्रम की सूचना नहीं दी जाएगी राजकुमार सैनी को
राजकुमार सैनी अपनी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बनाकर हरियाणा के चुनावी रण में दस्तक दे चुके हैैं। जींद उपचुनाव में उन्होंने विनोद आश्री को मैदान में उतारा। उनके उम्मीदवार ने करीब 13 हजार वोट हासिल किए हैैं, जो राज्य के प्रमुख विपक्षी दल इनेलो से करीब पांच गुना अधिक हैै। भाजपा का मानना है कि सैनी यदि इस उपचुनाव में ताल नहीं ठोंकते तो भाजपा उम्मीदवार डाॅ. कृष्ण मिढ़ा की जीत का अंतर काफी अधिक हो सकता था।
मनाने की गुंजाइश भी खत्म, सीएम की नाराजगी पर हाईकमान ने लिया संज्ञान
हरियाणा भाजपा ने सैनी के बारे में पूरी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी राजकुमार सैनी के जींद उपचुनाव में उतरने और अलग पार्टी बनाने खासे नाराज थे। भाजपा हाईकमान के निर्देश मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने पहली बार कहा कि राजकुमार सैनी सिर्फ तकनीकी तौर पर भाजपा में हैैं, लेकिन व्यवहारिक तौर पर वह न तो भाजपा के हैैं और न ही भाजपा उनकी है। अब उन्हें पार्टी के किसी आयोजन की न तो सूचना दी जाती है और न ही बुलाया जाता है।
राजकुमार सैनी भी कई बार भाजपा पर हमलावर होते हुए खुद को पार्टी से निकालने की चुनौती दे चुके हैं, लेकिन पार्टी उन्हें निकाल तो नहीं रही। अब भाजपा ने उनसे पूरी तरह किनारा करने का फैसला किया है। अब भविष्य में सैनी को मनाने की भी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। अगले लोकसभा चुनाव में सैनी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। गठजोड़ की राजनीति पर टिके विभिन्न दल अब सैनी की पार्टी की तरफ ताक रहे हैैं।
'जींद उपचुनाव में अपना कारनामा कर चुके सैनी '
'' राजकुमार सैनी ने भितरघात किया है। उनका अब भाजपा से कोई नाता नहीं है। भाजपा भी उनसे अपना नाता तोड़ चुकी और वह भी भाजपा से अलग हो चुके हैैं। सिर्फ तकनीकी कारणों से उनके नाम के साथ भाजपा का लेबल लगा है। जींद उपचुनाव में उन्होंने अपने कृत्य को सार्वजनिक कर दिया है।
- सुभाष बराला, अध्यक्ष एवं विधायक, हरियाणा भाजपा।