सत्ता के गलियारे से... बबीता फौगाट में भाजपा को दिखती है साध्वी ऋतंभरा व उमा भारती की छवि
भाजपा को बबीता फौगाट (Babita Phogat) में फायरब्रांड नेता की संभावनाएं दिख रही हैं। बबीता फौगाट भाजपा के पक्ष में फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म पर अभियान छेड़े रहती हैंं। अब वह फिर सरकारी नौकरी छोड़कर भाजपा के पक्ष में प्रचार करनी नजर आएंगी।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता फौगाट में भाजपा को साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती जैसी फायर ब्रांड नेता की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। जिस तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग समर्पित रहते हैं, ठीक उसी तरह से बबीता भी समर्पित हैं। वह भाजपा के पक्ष में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म पर अभियान छेड़े रहती है। भाजपा में शामिल होने से पहले वह पुलिस उपाधीक्षक थीं। इस्तीफा देकर राजनीति में आई थीं।
भाजपा ने बबीता को चरखी दादरी से विधानसभा का चुनाव भी लड़़वाया, लेकिन वह विधायक बनने में सफल नहीं हो सकीं। इसके बावजूद बबीता ने हार नहीं मानी और भाजपा व आरएसएस के हक में अपना सोशल वार जारी रखा। कुछ दिन पहले ही भाजपा सरकार ने उन्हेंं खेल उपनिदेशक नियुक्त किया, लेकिन पार्टी उनका उपयोग बिहार और बरोदा विधानसभा के उपचुनाव में करना चाहती है। सो, बबीता फौगाट ने एक बार फिर सरकारी नौकरी छोड़ दी है।
योग गुरु बनने के लिए गेरुआ वस्त्र नहीं समर्पण चाहिये
हरियाणा के करनाल यानी सीएम सिटी में एक योग क्लास ऐसी भी है, जो धूप-छांव, सर्दी-गर्मी और बरसात-सूखे में कभी बंद नहीं होती। इस क्लास को फव्वारा पार्क वाली योग क्लास के नाम से पहचान मिली हुई है। खास बात यह है कि इसके योग गुरु हैं सोने के कारोबारी दिनेश गुलाटी, जिन्होंने पिछले कई सालों से योग क्लास को नियमित कर लोगों को स्वस्थ करने का बीड़ा उठा रखा है।
मुख्यमंत्री भी दिनेश गुलाटी के इस प्रयास से काफी प्रभावित हैं। तभी उन्हेंं इस योग क्लास की निरंतरता बनाए रखने के लिए एक शेड भी उपलब्ध करा दिया गया है। कोई भी अफसर हो या समाजसेवी, वह इस क्लास में आकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य इस योग क्लास की शान बन चुके हैं। लोग दिनेश गुलाटी को सच्चे अर्थों में योगी बताते हैं, भले ही वह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते।
दास और सेवक के बीच लड़ाई में सरकार को दिक्कत
हरियाणा के आइएएस अधिकारी पीके दास और अंबाला शहर के भाजपा विधायक असीम गोयल के बीच टकराव के पीछे चावल मिल मालिकों की लाबिंग काम कर रही है। प्रदेश के चावल मिल मालिकों ने मिलों में धान के स्टाक की गड़बड़ की। बिहार या उत्तर प्रदेश से चावल मंगवाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चावल के कोटे के पूरा करने की कोशिश की।
केंद्रीय पूल में चावल समय से नहीं भेजा। इस कारण सरकार पर अंगुली उठने लगी तो पीके दास मामले की तह में पगए। दास ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को असलियत बता दी। इसके बाद सरकार ने अंगुली टेढ़ी की तो मिल मालिकों की भौंहें टेढ़ी हो गई। उन्होंने अपने तरीके से अपनी बात अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल को बताई । असीम गोयल ने दास पर निशाना साधा। ऐसे में टकराव होना ही था। अब सरकार की दिक्कत यह है कि वह किसका पक्ष ले।
रुतबा कुर्सी का
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की विदाई का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, उनकी व्यस्तताएं बढ़ रही हैं। खुल्लर के पास चूंकि दो दर्जन विभागों का काम है, इसलिए उनके कार्यालय और घर में फाइलों का चट्ठा आज तक कम नहीं हो पाया है। खुल्लर अब चूंकि विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक बन गए और उनकी विदाई किसी भी समय तय है, इसलिए विधायकों और मंत्रियों को अपनी फाइलों के क्लीयर कराने की चिंता सता रही है। उन्हेंं डर है कि यदि खुल्लर बिना फाइलें क्लीयर किए रुखसत हो गए तो दोबारा से फाइल को चलाने के लिए नए सिरे से कसरत करनी पड़ेगी। इसलिए विधायक और मंत्री अब उनके मातहत स्टाफ की मिन्नतें कर रहे हैं, ताकि साहब जाते-जाते उनकी फाइल क्लीयर कर जाएं। स्टाफ भी साहब की कुर्सी के रुतबे का आनंद लेते हुए विशिष्ट जनों को कृतार्थ करने का आश्वासन दे रहा है।