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भाजपा विधायक नहीं चाहते लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव, बताया बड़ा कारण

भाजपा के विधायक हरियाणा विधानसभा का चुनाव अभी लोकसभा चुनाव के साथ कराने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव निर्धारित समय पर ही कराए जाने चाहिए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 08:56 PM (IST)
भाजपा विधायक नहीं चाहते लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव, बताया बड़ा कारण
भाजपा विधायक नहीं चाहते लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव, बताया बड़ा कारण

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के भाजपा विधायक लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने को लेकर एकमत हैं। इन विधायकों को लगता है कि यदि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करा दिए गए तो राजनीतिक तौर पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। करीब नौ माह तक पद पर बने रहने की चाह विधायकों को लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने से रोक रही है।

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विधायक दल की बैठक में एक साथ चुनाव से मना कर चुके हैं अधिकतर एमएलए

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में अधिकतर विधायकों ने कहा कि विधानसभा चुनाव समय पर ही कराए जाने चाहिए। मनोहर लाल सरकार का कार्यकाल अक्टूबर 2019 में पूरा हो रहा है। लोकसभा चुनाव भी इसी साल अप्रैल में प्रस्तावित हैं।

जींद उपचुनाव के नतीजे भाजपा के हक में आने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी करा सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि पहले साफ मना कर रहे थे कि चुनाव एक साथ नहीं होंगे, लेकिन जींद के नतीजों के बाद जब भाजपा के हक में माहौल बना तो उन्होंने केंद्र के इशारे के हिसाब से चुनाव कराने के संकेत दिए। इसके बावजूद भाजपा ने पार्टी के विधायकों से राय ली। इसके बाद साफ हो गया कि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाएंगे।

लोकसभा चुनाव समिति और कोर ग्रुप की बैठक में दी गई विधायकों की राय को अहमियत

दरअसल, मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर तक है। अधिकतर भाजपा विधायक इसलिए अपना कार्यकाल पूरा करना चाहते हैं, क्योंकि अगले चुनाव में उन्हें अपनी टिकट कटने का डर है। उनकी सोच है कि यदि किसी कारण से पार्टी ने टिकट नहीं दी तो कम से कम वह नौ माह विधायक पद पर बने रहकर परिस्थितियों को अपने अनुकूल कर सकते हैं।

लोकसभा चुनाव समिति के प्रभारी कलराज मिश्र के सामने भी नई दिल्ली में यह मुद्दा उठा। प्रदेश प्रभारी डा. अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की मौजूदगी में हुई इस बैठक में विधायकों की राय से पार्टी नेताओं को वाकिफ कराया गया। आखिरकार सहमति बनी कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने-अपने समय पर ही कराए जाएं।

बाकी राजनीतिक दलों को विधानसभा भंग होने की आशंका

हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में विधानसभा के बजट सत्र के बाद असेंबली भंग करने की चर्चा काफी तेजी से चल रही हैं। हालांकि इसकी संभावना काफी कम है, लेकिन कांग्रेस, इनेलो, जननायक जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी, बसपा और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी चुनाव किसी भी समय होने की तैयारी के साथ आगे बढ़ रही हैं। उन विधायकों ने भी अपनी-अपनी पार्टी के हाईकमान के यहां दस्तक देना शुरू कर दिया है, जिन्हें लगता है कि उनकी टिकट पर इस बार खतरा मंडरा रहा है।


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