चुनावी वादे पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ा भाजपा और जजपा गठबंधन, शुरू हुई तैयारी
हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने अपने चुनावी वादे पूरे करने की दिशा में काम में कदम बढ़ा दिया है। गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकार ने अपने संयुक्त न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। गृह मंत्री अनिल विज के नेतृत्व वाली संयुक्त कमेटी ने बृहस्पतिवार को उन घोषणाओं और वादों की पड़ताल की, जो भाजपा व जजपा दोनों के चुनाव घोषणा पत्रों में शामिल हैैं। ऐसी घोषणाएं करीब तीन दर्जन हैैं।
कमेटी ने आर्थिक और कानूनी पहलुओं पर अफसरों से मांगी पूरी रिपोर्ट
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इन घोषणाओं को पूरा किए जाने पर होने वाले वित्तीय खर्च व कानूनी पहलुओं के बारे में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट 15 दिन के भीतर देनी होगी, जिसके तुरंत बाद संयुक्त कमेटी की फिर बैठक होगी। किसानों को राहत देने के साथ ही पेंशन में बढ़ोतरी, युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के मुद्दों पर बैठक में खास तौर से चर्चा हुई।
संयुक्त न्यूनतम साझा कार्यक्रम क्रियान्वयन कमेटी की पहली बैठक में हुआ मंथन
भाजपा की ओर से कमेटी के चेयरमैन अनिल विज, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ बैठक में शामिल हुए, जबकि जजपा की ओर से राज्य मंत्री अनूप धानक व पूर्व विधायक राजदीप फौगाट ने भागीदारी की। बैठक के बाद अनिल विज ने बताया कि दोनों पार्टियों के अनेक वादे मिलते-जुलते हैं, जिनमें से कुछ को लागू भी किया जा रहा है। इनमें शराब के ठेकों को गांव से बाहर करने तथा एचटेट परीक्षा 50 किलोमीटर के दायरे में कराने के वादे शामिल हैैं।
अधिकारियों को देनी होगी 15 दिन में रिपोर्ट, फिर से होगी कमेटी की संयुक्त बैठक
गृह मंत्री अनिल विज के अनुसार बैठक में नशे के कारोबार को हरियाणा की धरती से समाप्त करने पर भी चर्चा हुई। इसके लिए राज्य में 'आपरेशन प्रहारÓ चल रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
बता दें कि भाजपा ने चुनावी मैदान में उतरने से पहले 248 वादों के साथ आदर्श हरियाणा का सपना दिखाते हुए मुफ्त की घोषणाओं से परहेज किया था, जबकि जजपा ने 160 वादों में कई ऐसे बड़े वादे किए, जिन्हें पूरा करना आसान नहीं होगा। दोनों ही दलों के मुख्य एजेंडे में गांव, गरीब और किसान अहम हैैं, जिससे न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने में आसानी रहेगी।
इन घोषणाओं को पूरा करने में नहीं कोई रोड़ा
-युवा विकास एवं स्व रोजगार मंत्रालय का गठन। पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर 25 लाख युवाओं का कौशल विकास।
-स्थानीय लोगों को 95 फीसद से ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों को विशेष लाभ।
-हरियाणा की सभी नौकरियों में से 75 फीसद हरियाणवियों के लिए आरक्षित।
-फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दस फीसद या 100 रुपये बोनस।
-ग्रामीण बच्चों को नौकरी की परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक।
-नौकरी के लिए परीक्षाएं गृह जिले में होंगी और सालाना फीस सिर्फ 100 रुपये रहेगी।
-काला पीलिया, कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का मुफ्त इलाज।
-एससी कमीशन, पिछड़ा वर्ग कल्याण बोर्ड का गठन।
-निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण।
-सेक्टरों में प्लॉट पर एनहांसमेंट का बोझ मकान मालिक पर नहीं डाला जाएगा।
-न्यूनतम वेतन 16 हजार रुपये और दिहाड़ी 600 रुपये।