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हरियाणा में भाजपा भी बनी जातिगत राजनीति का हिस्सा, हम तोड़ेेंगे बंधन : गोपाल राय

आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी गोपाल राय का कहना है कि पार्टी राज्‍य में अपने दिल्‍ली मॉडल के आधार पर चुनाव लड़ेगी। आप हरियाणा में जाति आधारित राजनीति को समाप्‍त करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 02:12 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 07:15 PM (IST)
हरियाणा में भाजपा भी बनी जातिगत राजनीति का हिस्सा, हम तोड़ेेंगे बंधन : गोपाल राय
हरियाणा में भाजपा भी बनी जातिगत राजनीति का हिस्सा, हम तोड़ेेंगे बंधन : गोपाल राय

नई दिल्‍ली। आम आदमी पार्टी हरियाणा में सक्रियता बढ़ा चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा में आप के प्रदेश प्रभारी और अपने मंत्री गोपाल राय के साथ लगातार दौरे कर रहे हैं। अाम अादमी पार्टी हरियाण में लोकसभा चुनाव और इसके बाद विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जाेरशोर से जुटी है। गोपाल राय का कहना है कि हरियाणा में भाजपा भी जाति की राजनीति में पड़ गई है। आप हरियाणा में जाति और वर्ग की राजनी‍ति का बंधन तोड़कर विकास की नई राजनीति शुरू करेगी।

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आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय से विशेष बातचीत

हरियाणा में पार्टी के पास जनता को देने के लिए मौजूदा राजनीतिक दलों से क्या अलग है? पड़ोसी राज्य पंजाब में हार के बाद आप हरियाणा में किस आधार पर अपना राजनीतिक भविष्य देख रही है? ऐसे कुछ सवाल लेकर विशेष संवाददाता बिजेंद्र बंसल ने दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश-

- हरियाणा में जनता को देने के लिए आपके पास क्या नया है?

-दिल्ली सरकार का विकास मॉडल। जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से अलग हटकर सिर्फ आम आदमी की जरूरतें पूरी करने वाली पारदर्शी सरकार। बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा की बेहतर सुविधाओं से लेकर किसान और जवान की सुनने वाली सरकार देने के वायदे के साथ हम हरियाणा में जा रहे हैं। चूंकि दिल्ली और हरियाणा के लोगों के बीच आपसी व्यापारिक और सामाजिक संबंध हैं, इसलिए वहां के लोग हम पर विश्वास कर रहे हैं। यही कारण है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी के सवालों से सत्तारूढ़ दल और सरकार कन्नी काट रही है। यह वहां की जनता भी देख रही है।

 - स्कूल-अस्पताल रैलियों और गोशालाओं में जाने के पीछे क्या राजनीतिक मकसद है?

- देखिए, हम वहां जो भी कर रहे हैं या जनता को दिखा रहे हैं, वह सिर्फ इतना भर है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में ऐसा किया है और अब हरियाणा में भी हमारी सरकार ऐसा कर सकती है। हम यही तो चाहते हैं कि जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर लोगों की बेहतरी के लिए राजनीति हो और राजनीतिक दल चुनाव में जनता के सामने ऐसे विकास मॉडल लेकर आएं कि यदि हम सत्ता में आए तो ऐसा करेंगे। मगर अफसोस कि भाजपा भी धर्म की राजनीति से आगे बढ़कर हरियाणा में कांग्रेस और इनेलो की तरह जाति, क्षेत्र की राजनीति ही करने लगी।

 - आप हरियाणा में जाकर पूर्वांचल के बेटों को विधानसभा में भेजने की बात करते हैं तो यह क्या है?

- मेरे इस कथन को सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए। गुरुग्राम-फरीदाबाद में यदि पूर्वांचल के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं तो क्या उनकी सुध लेने के लिए उनका जनप्रतिनिधि विधानसभा में नहीं जाना चाहिए। असल में मेरा कथन राजनीतिक नहीं बल्कि सहभागिता का है। राजनीति में सबकी सहभागिता होनी चाहिए। दिल्ली में हमने यह करके दिखाया है। सभी वर्गों के प्रतिनिधि विधानसभा में चुनकर आए हैं।

- हरियाणा में आपके लिए चुनौतियां क्या हैं?

- हम लोगों से मिल रहे हैं तो वे बताते हैं कि प्रदेश का भाईचारा खत्म हुआ है। इसका मतलब वहां भाईचारा रहा है, भाजपा की सरकार ने इसे बिगाड़ने का काम किया है। कांग्रेस और इनेलो भी भाईचारे को बनाने के लिए आगे नहीं आए। अब हम वहां लोगों की भावनाओं के अनुरूप भाईचारे को कायम करेंगे और यह हमारे के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए हम घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करेंगे। दिल्ली में हरियाणा के सभी जिलों के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण खुद केजरीवाल साहब ने दिया है।


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