Move to Jagran APP

Bird flu: पंचकूला में मुर्गियां मारने पर फिलहाल रोक, हाई कोर्ट ने केंद्र व हरियाणा सरकार से मांगा जवाब

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंचकूला प्रशासन के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें मुर्गियां मारने के आदेश दिए गए थे। हाईकोर्ट ने यह आदेश पोल्ट्री फार्म एसोशिएशन की याचिका पर के बाद दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 03:09 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:34 PM (IST)
Bird flu: पंचकूला में मुर्गियां मारने पर फिलहाल रोक, हाई कोर्ट ने केंद्र व हरियाणा सरकार से मांगा जवाब
पंचकूला में मुर्गियां मारने पर हाई कोर्ट की रोक। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंचकूला जिले में मुर्गियां मारने पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह आदेश कुछ मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पंचकूला डीसी द्वारा जारी किए गए थे। हरियाणा पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र व हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

loksabha election banner

हरियाणा पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पंचकूला प्रशासन द्वारा फार्म में मुर्गे-मुर्गियों को मारने के आदेश को चुनौती दी गई थी।। याचिका के अनुसार जिन फार्म में मुर्गे-मुर्गियों को मारा जा रहा है उनकी जांच नहीं की गई, जबकि वह किसी बीमारी से से ग्रस्त नहीं हैंं याचिका में प्रशासन के आदेश पर रोक व उचित मुआवजे की मांग की गई थी।

बता दें, बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हरियाणा के पंचकूला में पांच पोल्ट्री फार्मों में एक लाख 66 हजार 128 मुर्गे-मुर्गियों को मारने के निर्देश दिए गए थेेे। जांच में सामने आया था कि पिछले कई दिन से पंचकूला क्षेत्र में मुर्गिंया मर रहीं थी, लेकिन पोल्ट्री फार्म संचालकों ने यह बात दबाए रखी और बाजार में संक्रमित चिकन और अंडों की सप्लाई करते रहे।

पंचकूला प्रशासन ने जहां मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी उसकी एक किलोमीटर की परिधि में संक्रमित जोन तथा एक से दस किलोमीटर की परिधि के क्षेत्र में सर्विलांस जोन घोषित किया था। रायपुर रानी के गांव खेड़ी स्थित सिद्धार्थ पोल्ट्री फार्म में 1728, नरेंद्र पोल्ट्री फार्म में 38 हजार 196, नवीन पोल्ट्री फार्म में 59 हजार 933, सुनील पोल्ट्री फार्म में 50 हजार 271 तथा नेचर पोल्ट्री फार्म गांव घनौली में 16 हजार मुर्गियों को नष्ट करने का फैसला लिया गया था। मुर्गियों को डिस्पोज करने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से 59 टीमें गठित की गई थी। प्रशासन के इस फैसले के बाद पोल्ट्री उद्योग जुड़े व्यवसायियों में रोष था। इसके बाद उन्होंने मामले पर हाई कोर्ट का रुख किया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.