Move to Jagran APP

नए साल के पहले महीने में ही राजनीतिक दलों की बड़ी परीक्षा, जींद के रण बहुत कुछ दांव पर

ह‍रियाणा में राजनीतिक दलों को नए साल के पहले महीने में ही बड़ी परीक्षा देनी होगी। 28 जनवरी को हो रहे जींद विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टियों के लिए ब‍हुत कुछ दांव पर है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 02:40 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 02:40 PM (IST)
नए साल के पहले महीने में ही राजनीतिक दलों की बड़ी परीक्षा, जींद के रण बहुत कुछ दांव पर
नए साल के पहले महीने में ही राजनीतिक दलों की बड़ी परीक्षा, जींद के रण बहुत कुछ दांव पर

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में नए साल के पहले महीने में ही राजनीतिक दलों काे कड़ी और बड़ी परीक्षा देनी होगी। हरियाणा के पांच नगर निगमों में हुए चुनाव के बाद अब जींद उपचुनाव में सभी राजनीतिक दलों को अपनी ताकत दिखानी होगी। तमाम राजनीतिक दल पिछले काफी समय से राज्य सरकार पर जींद उपचुनाव कराने का दबाव बना रहे थे। अब इन दलों को जींद उपचुनाव में खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती से जूझना होगा।

loksabha election banner

सत्तारूढ़ भाजपा  इन चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है, वहीं गुटों में बंटी कांग्रेस और दोफाड़ हो चुकी इनेलो व जननायक जनता पार्टी के लिए भी यह चुनाव किसी टेस्ट से कम नहीं है। आम आदमी पार्टी ने अभी उपचुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

पांच नगर निगमों के चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा के लिए टेंपो बनाए रखना बड़ी चुनौती

राज्य के प्रमुख विपक्षी दल इनेलो से अलग होने के बाद जननायक जनता पार्टी ने हालांकि कोई नगर निगम चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला ने जींद उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र रक्षा पार्टी भी यह चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस निगम चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ी थी, लेकिन रोहतक, करनाल और हिसार में जिस तरह से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवारों को समर्थन दिया, उसके मद्देनजर जींद उपचुनाव में भी पार्टी की गुटबाजी से इनकार नहीं किया जा सकता है।

इनेलो को हो सकता है दोफाड़ का नुकसान, कांग्रेस की गुटबाजी भाजपा के लिए फायदेमंद

जींद को जाटलैंड माना जाता है। यहां भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई है। यहां कभी इनेलो तो कभी कांग्रेस का पलड़ा रहा है। जींद उपचुनाव में पांच निगमों में जीत से उत्साहित भाजपा कोई बड़ा दांव खेल सकती है। माना जा रहा है कि जिस तरह से निगम चुनाव में जाट और गैर जाट का कार्ड खेला गया, उसी तर्ज पर भाजपा किसी वैश्य अथवा पंजाबी या ब्राह्मण को चुनाव मैदान में उतार सकती है, ताकि गैर जाट मतदाताओं को एकजुट किया जा सके।

यह भी पढ़ें: जींद विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तिथि घोषित, 28 जनवरी को होगी वा‍ेटिंग

विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला का इस इलाके में खासा प्रभाव रहा है। उन्होंने हांसी में 17 फरवरी को रैली का ऐलान कर रखा है, जबकि दुष्यंत चौटाला जींद के पांडु पिंडारा में रैली कर चुके हैं। ऐसे में अब अभय चौटाला की पार्टी के प्रदर्शन पर भी सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।

चार बार चुनाव जीते और चार बार हारे मांगेराम गुप्ता

दुष्‍यंत चौटाला के साथ पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्‍ता।

मांगेराम गुप्‍ता जींद विधानसभा में 12 बार हुए चुनाव में पांच बार कांग्रेस, चार बार इनेलो-लोकदल के विधायक बने। हरियाणा विकास पार्टी, एनसीआे के एक-एक बार व एक बार निर्दलीय विधायक बने हैं। इस सीट पर एक समय कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता का दबदबा रहा है। वह यहां से चार बार जीते व चार बार हारे। अब उनका साथ और प्यार दुष्यंत चौटाला मिला है। 2009 में इनेलो नेता हरिचंद  मिड्ढ़ा ने 36.40 फीसद वोट हासिल कर मांगेराम गुप्‍ता को हराया। 2014 में मिड्‌ढा ने इनेलो से ही भाजपा में आए सुरेंद्र बरवाला को 2257 वोट से हराया। मिड्‌ढा को 25.99 फीसद वोट मिले थे।

इस तरह से जानिये राजनीतिक दलों का गणित

भाजपा

जींद विधानसभा सीट पर 12 बार हुए चुनाव में एक बार भी कमल नहीं खिला। यानी यहां भाजपा आज तक कोई चुनाव नहीं जीत पाई। भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यहां खाता खोलने की रहेगी। निगम चुनाव की जीत का माहौल बनाए रखना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी।  पूर्व विधायक डाॅ. हरिचंद मिड‌्ढा के बेटे कृष्ण मिड‌्ढा के अलावा 2014 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे सुरेंद्र बरवाला, जवाहर सैनी और राजेश गोयल भी टिकट के दावेदार हैं। राजेश गोयल सीएम कार्यालय में तैनात हैं।

जननायक जनता पार्टी

इनेलो से निष्कासन के बाद दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई है। पहली परीक्षा में वह जीत के साथ पार्टी के आधार को मजबूती देना चाहेंगे। यहां रैली कर वह पार्टियों को भीड़ का दम दिखा चुके हैं। अब इस भीड़ को वोटों में बदलने की चुनौती होगी। जेजेपी को सिंबल नहीं मिला तो ऐसे में वह अस्थायी सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। इनेलो की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रदीप गिल व जेजेपी के जिला अध्यक्ष कृष्ण राठी टिकट के प्रमुख दावेदार हैं।

यह भी पढ़ें: बड़े बदलाव के साथ कई सौगात लाया नया साल, जानें आपकी जिंदगी पर क्‍या पड़ेगा असर

इंडियन नेशनल लोकदल

जींद इनेलो का गढ़ रहा है, लेकिन गोहाना रैली के बाद चौटाला परिवार में विवाद के चलते पार्टी दोफाड़ हो गई। अब यह न केवल इनेलो बल्कि अभय चौटाला की भी अग्निपरीक्षा होगी। इस पूरे इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का मजबूत असर है। जिला परिषद की पूर्व चेयरपर्सन सुमित्रा देवी और जुलाना से विधायक परमेन्द्र ढुल के बेटे रविंद्र ढुल टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।  

कांग्रेस

जींद सीट पर पांच बार कांग्रेस का कब्‍जा रहा है। पार्टी में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। देखना होगा कि किस खेमे के नेता को टिकट मिलता है। इससे पार्टी का रुख साफ होगा। सभी गुटों के नेता उपचुनाव में टिकट के दावेदार हैं। पिछला चुनाव लड़ने वाले प्रमोद सहवाग, रघुवीर भारद्वाज, बालमुकुंद शर्मा, बलजीत सिंह रेहडू और सुरेश गोयत टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.