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हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, शहरी क्षेत्र भी होंगे लाल डोरा मुक्त, प्रापर्टी की बढ़ेगी कीमत

Lal Dora Free Land हरियाणा सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्‍य में गांवों के बाद अब शहरी क्षेत्र भी लाल डोरा मुक्‍त होंगे। इससे प्रापर्टी का मालिकाना हक प्राप्‍त करनााऔर खरीद-फरोख्‍त करना आसान होगा। शहरी क्षेत्र में प्रापर्टी की कीमत बढ़ने की संभावना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 04:29 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 08:42 AM (IST)
हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, शहरी क्षेत्र भी होंगे लाल डोरा मुक्त, प्रापर्टी की बढ़ेगी कीमत
हरियाणा सरकार अब शहरी क्षेत्रोंं को भी लाल डोरा मुक्‍त करेगी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Lal Dora Free:  हरियाणा सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्‍य में अब गांवों की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों को भी लाल डोरा मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसका बड़ा फायदा यह होगा कि अनियोजित ढंग से रह रहे लोगों को अपनी संपत्तियों का मालिकाना हक मिल सकेगा तथा वह अपनी प्रापर्टी का पंजीकरण कराने के साथ ही उसकी खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। संपत्तियों के लाल डोरा मुक्त होने के बाद उनकी कीमत एकाएक बढ़ जाएगी तथा उन पर लोन भी लिया जा सकेगा।

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प्रापर्टी का मालिकाना हक मिलने के साथ खरीद-फरोख्त होगी आसान, लोन भी मिलेगा

हरियाणा सरकार गांवों को लाल डोरा मुक्त कर चुकी है और यह काम पूरा होने वाला है। लाल डोरा मुक्त योजना की शुरुआत देश में सर्वप्रथम हरियाणा ने की थी, जिसे बाद में देशभर में स्वामित्व योजना के नाम से लागू किया गया। इस महत्वाकांक्षी योजना में गांवों और शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए जाते हैं।

लाल डोरा सिस्टम को अंग्रेजों ने सन 1908 में बनाया था। उस समय रेवेन्यू रिकार्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींच दी जाती थी।

गांवों की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों को लाल डोरा मुक्त करने का काम अगले एक पखवाड़े में

लाल लाइन की वजह से इसके तहत आने वाली जमीन या क्षेत्र लाल डोरा कहलाने लगा। यह व्यवस्था खासकर दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में लागू थी। चूंकि इन संपत्तियों को नगरीय प्राधिकरण के तहत पंजीकृत नहीं किया जा सकता है, इसलिए दिल्ली सरकार लाल डोरा प्रमाण पत्र जारी करती है जो संपत्ति के मालिक होने का प्रमाण माना जाता है, लेकिन हरियाणा सरकार ने कई कदम आगे बढ़ते हुए लाल डोरे का सिस्टम ही खत्म करने की दिशा में क्रांतिकारी पहल की है।

लाल डोरा के तहत आने वाली जमीनों को बिल्डिंग बायलाज, निर्माण-कार्य से जुड़े नियमों और नगरपालिका कानून के तहत आने वाले नियम-कायदों से छूट होती है। इसलिए यहां रहने वाले बिना नक्शा पास कराने के झंझट में पड़े अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार घर बना लेते हैं।

बाद में जब इन घरों में सुविधाओं की जरूरत पड़ती है तो मकान मालिकों को दिक्कतें आती हैं। ऐसे लोग चाहकर भी अपनी प्रापर्टी नहीं बेच पाते थे और न ही उन पर बैंक लोन देते हैं, इसलिए लंबे समय से शहरी क्षेत्र में लाल डोरे के दायरे में रहने वाले लाल डोरे को खत्म करने की मांग उठा रहे थे।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दिया आदेश, मुख्य सचिव ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस समस्या को समझा और अधिकारियों को शहरों का लाल डोरा खत्म करने की दिशा में काम करने के आदेश दिये। इस कड़ी में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को गांवों की तरह अब शहरी क्षेत्रों में भी लाल डोरा के अंदर परिसंपत्तियों की मैपिंग और ड्रोन फ्लाइंग कराने के निर्देश दिये हैं। इसके लिए कार्य योजना बनाने को अधिकारियों को 15 दिन का समय दिया गया है।

मुख्य सचिव संजीव कौशल मंगलवार को स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक ली। उन्‍होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तथा प्राइवेट कालोनियों में जारी प्रापर्टी आइडी का एक मास्टर डाटा तैयार करें, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लग सके।

उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा लाल डोरा की जानकारी सभी नगर निगमों, पालिकाओं और समितियों के साथ साझा की जाए। यदि कहीं किसी प्रकार का कोई बदलाव पाया जाता है तो उसके अनुसार डाटा को अपडेट करें। कौशल के अनुसार स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और प्रापर्टी कार्ड बनाने तथा वितरित करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से जारी है।


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