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Haryana Liquor scam: बड़े घोटालेबाज, तस्कर व नेताओं पर आंच नहीं, छोटी मछलियाें का शिकार

Haryana Liquor scam में एसईटी की रिपोर्ट से बड़े घोटालेबाज तस्‍कर व नेताओं पर कोई आंच नहीं आई है। बस छोटी मछलियां ही जाल मे फसेंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 07:47 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:47 AM (IST)
Haryana Liquor scam: बड़े घोटालेबाज, तस्कर व नेताओं पर आंच नहीं, छोटी मछलियाें का शिकार
Haryana Liquor scam: बड़े घोटालेबाज, तस्कर व नेताओं पर आंच नहीं, छोटी मछलियाें का शिकार

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले की 80 दिन की जांच के बाद सरकार के हाथ कुछ खास नहीं लगा। सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल (एसईटी) ने करीब दो हजार पन्नों की अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन इससे घोटाले के बड़े खिलाडि़यों व सफेदपोश नेताओं पर कोई आंच आने की संभावना नहीं है। बस छोटी मछलियों का ही शिकार होगा।

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हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों का शराब घोटाला

गृह सचिव विजयवर्धन और मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी गई इस जांच रिपोर्ट का वजन करीब 15 से 20 किलो है। गृह मंत्री अनिल विज ने जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है, लेकिन साथ ही कहा कि अभी इसका अध्यनन किया जाएगा। उसके बाद सरकार एसईटी की जांच के बिंदुओं को बता पाने की स्थिति में होगी।

हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान करोड़ों रुपये की अवैध शराब बेची गई थी। शराब के इस अवैध कारोबार में आबकारी एवं कराधान विभाग तथा पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठे। अनिल विज के संज्ञान में जब शराब के अवैध धंधे की जानकारी आई तो उन्होंने विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) के जरिये जांच की सिफारिश मुख्यमंत्री कार्यालय को की।

एसईटी की 15 से 20 किलो पन्नों की रिपोर्ट में दब गई बड़े घोटालेबाजों की करतूत

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एसआइटी बनाने की बजाय एसईटी के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। विज अपने पसंदीदा अधिकारी अशोक खेमका से इस घोटाले की जांच कराना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस काम के लिए टीसी गुप्ता को चुना। एसईटी में आबकारी एवं कराधान विभाग के एडीशनल  कमिश्नर विजय सिंह और एड़ीजीपी रैंक के आइपीएस अधिकारी सुभाष यादव को शामिल किया।

एसईटी को नहीं मिला आबकारी एवं कराधान तथा पुलिस विभागों से पूरा सहयोग

सुभाष यादव 30 जून को रिटायर हो चुके। विज के सामने जब एसइटी की कम पावर का मुद्दा उठा तो विशेष आदेश जारी कर गृह सचिव ने एसइटी को एसआइटी के समान पावर प्रदान कर दी। सुभाष यादव के स्थान पर एडीजीपी से डीजीपी बन चुके मोहम्मद अकील को एसईटी में शामिल किया गया।

हरियाणा में सबसे पहले सोनीपत के खरखौदा में शराब घोटाला पकड़ा गया, जहां गोदाम से आबकारी एवं कराधान विभाग तथा पुलिस की रखी हुई शराब लॉकडाउन में ही बेच दी गई। धीरे-धीरे फतेहाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, अंबाला, फरीदाबाद, यमुनानगर, झज्जर, हिसार और सिरसा समेत विभिन्न जिलों में लॉकडाउन के दौरान अवैध रूप से शराब की बिक्री के मामले उजागर होने लगे।

शराब ठेकेदारों का स्टाक नहीं मिला, जिसे भारी कीमतों पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बेच दिया गया। इस काम में आबकारी व पुलिस विभाग के अधिकारियों की भूमिका काफी संदिग्ध रही। पुलिस ने शराब घोटाले के मास्टर माइंड भूपेंद्र सिंह को चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर उससे काफी पूछताछ की। तब उसको राजनीतिक संरक्षण की बातें भी सामने आई।

एसईटी प्रमुख टीसी गुप्ता ने गृह सचिव विजयवर्धन को रिपोर्ट सौंपने के बाद इस बारे में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट भले ही काफी मोटी है, लेकिन इसमें कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसमें शराब माफिया, राजनेताओं और पुलिस व आबकारी तथा कराधान विभाग के अधिकारियों के गठजोड़ को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में सामान्य तौर पर छोटी-मोटी सिफारिशें की गई हैं और निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है, लेकिन बड़े मगरमच्छ और राजनेताओं के साथ अधिकारियों को बचाने के संकेत मिल रहे हैं।

पुलिस और आबकारी विभागों के असहयोग से बचेंगे बड़े मगरमच्छ

हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन के चलते 11 मई को टीसी गुप्ता के नेतृत्व में एसईटी का गठन किया था। इस घोटाले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए गए। बताया जाता है कि जांच में एसईटी को न तो पुलिस ने उम्मीद के मुताबिक सहयोग किया और न ही आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों ने मांगे गए सारे दस्तावेज उपलब्ध कराए।

इन दोनों विभागों के असहयोगात्मक रवैये का जिक्र एसईटी की रिपोर्ट में किया गया बताया जाता है। उनके असहयोग की वजह से ही बड़े मगरमच्छों के बचने का रास्ता तैयार हो गया है। बता दें कि पूरे मामले की जांच को लेकर तीन बार डीएसपी का तबादला हो चुका और एसएचओ को सस्पेंड भी किया गया।

'रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे, जो कुछ होगा, मीडिया को बताएंगे'

'' सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में बनी एसईटी ने अपनी रिपोर्ट एसीएस होम विजयवर्धन को सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। इसमें तीन से चार दिन का समय लग सकता है। यह जांच रिपोर्ट 15 से 20 किलो वजन के पन्नों की है। इस रिपोर्ट को पढऩे के बाद उसमें जो कुछ होगा, उससे मीडिया को अवगत कराएंगे और की जाने वाली किसी भी कार्रवाई की जानकारी देंगे। फिलहाल रिपोर्ट अध्ययन की प्रक्रिया में है।

                                                                                             - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।

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कैसे चला लाकडाउन में शराब घोटाले का घटनाक्रम

23 मार्च       हरियाणा में लॉकडाउन

25 मार्च       शराब ठेके बंद करने के आदेश

31 मार्च       शराब ठेकेदारों का कार्यकाल समाप्त

20 अप्रैल     खरखौदा में शराब घोटाला उजागर

1 मई         प्रदेश के कई जिलों के मालखाने से शराब गायब

11 मई        आइएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में एसईटी का गठन

30 मई        आइपीएस सुभाष यादव सेवानिवृत

31 मई        मोहम्मद अकील एसईटी में शामिल

31 मई        एसईटी का कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ाया

31 जुलाई     एसईटी प्रमुख ने एसीएस होम को अपनी रिपोर्ट सौंपी।


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