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बड़ी राहत: केंद्रीय पूल में चावल नहीं भेजने वाले राइस मिलर्स का होल्डिंग चार्ज माफ

हरियाणा के राइस मिलर्स को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने केंद्रीय पूल में चावल नहीं देने वाले चावल मिल मालिकों का होल्डिंग चार्ज माफ कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 11:23 AM (IST)
बड़ी राहत: केंद्रीय पूल में चावल नहीं भेजने वाले राइस मिलर्स का होल्डिंग चार्ज माफ
बड़ी राहत: केंद्रीय पूल में चावल नहीं भेजने वाले राइस मिलर्स का होल्डिंग चार्ज माफ

चंडीगढ़, जेएनएन। सरकार ने हरियाणा के राइस मिलर्स को बड़ी राहत दी है। सराकर ने यह राहत भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सेंट्रल पूल में कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं कराने वाले करीब 1250 मिल मालिकों को दी है। राज्य के चावल मिल मालिकों को अब होल्डिंग चार्ज जमा नहीं कराना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने मिल मालिकों पर जुर्माने के तौर पर लगा होल्डिंग चार्ज माफ कर दिया है। यह राशि करोड़ों रुपये में है।

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हरियाणा से आठ लाख मीट्रिक टन चावल अभी केंद्रीय पूल में जाना बाकी

प्रदेश के राइस मिल मालिकों को पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में करीब आठ लाख मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में जमा कराना था। तभी भारतीय खाद्य निगम कर्मचारियों का असहयोग आंदोलन चल पड़ा, जिस कारण यह चावल केंद्रीय पूल में जमा नहीं हो सका। केंद्र व राज्य सरकार ने इसके लिए चावल मिल मालिकों को दोषी मानते हुए उन पर होल्डिंग चार्ज लगा दिया। भारतीय खाद्य निगम 31 मार्च तक राज्य सरकार से कोई होल्डिंग चार्ज वसूल नहीं करती। इसके बाद 300 रुपये प्रति वैगन प्रतिदिन के हिसाब से होल्डिंग चार्ज वसूल किया जाता है। एक वैगन में 540 बोरियां यानी 27 मीट्रिक टन चावल होता है।

अब बिना होल्डिंग चार्ज के चावल की सप्लाई कर सकेंगे 1250 मिल मालिक

भारतीय खाद्य निगम में होल्डिंग चार्ज नहीं देने के बावजूद राज्य सरकार ने मिल मालिकों पर होल्डिंग चार्ज के रूप में भारी जुर्माना लगा दिया था, जिसका हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया। एसोसिएशन के चेयरमैन ज्वैल सिंगला और प्रधान हंसराज सिंगला के नेतृत्व में मिल मालिक खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज से मिले और पूरे मामले में अपना पक्ष रखा।

एसोसिएशन ने कहा कि मिल मालिक करीब 80 फीसद चावल केंद्रीय पूल में जमा करा चुके हैं। 20 फीसद यानी आठ लाख मीट्रिक टन चावल सिर्फ इसलिए केंद्रीय पूल में जमा नहीं हो सका, क्योंकि तब निगम के कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है। इस हड़ताल का खामियाजा चावल मिल मालिकों को जुर्माने की भारी राशि के रूप में भुगतना पड़ रहा है।

फिलहाल भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में चावल रखने की जगह नहीं

एसोसिएशन की मांग पर कर्ण देव कांबोज ने जांच कराई और मिल मालिकों का होल्डिंग चार्ज माफ कर दिया। कांबोज ने कहा कि 30 अप्रैल 2019 तक कोई होल्डिंग चार्ज नहीं लगेगा, लेकिन मई 2019 से होल्डिंग चार्ज की राशि देनी पड़ेगी।

एसोसिएशन के चेयरमैन ज्वैल सिंगला ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में चावल रखने की जगह नहीं है। चावल मिल मालिकों के पास चावल रखा है। वे केंद्रीय पूल में चावल भेजने को तैयार हैं। जब भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी कहेंगे, तभी मिल मालिक चावल डिलीवर कर देंगे। चूंकि निगम के पास ही चावल रखने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए उन पर मई का जुर्माना भी नहीं लगाया जा सकता।

हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान हंसराज सिंगला ने बताया कि राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज ने चावल डिलीवरी का शेड्यूल दिसंबर 2018 से अप्रैल 2019 तक करा दिया है, जो पहले अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 तक था। एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को कांबोज से मुलाकात कर उनका मुंह मीठा कराया।

एसोसिएशन ने कहा कि ट्रेड को बचाने में सरकार का होल्डिंग चार्ज माफ करने का कदम सराहनीय है। कांबोज ने बताया कि सरकार मिलिंग चार्ज बढ़ाने पर विचार कर रही है। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के उप प्रधान विनोद गोयल, महासचिव मक्खन लाल सिंगला, नरेश बंसल, प्रमोद धवन, राजेंद्र रहेजा और संजीव गोयल शामिल रहे।

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