पुराने मैरिज पैलेस और बैंक्वेट हॉल के संचालकों को बड़ी राहत, इस शर्त पर होंगे नियमित
हरियाणा सरकार ने पुराने मैरिज पैलेस और बैंक्वेट हॉल के संचालकों को बड़ी राहत दी है। अब आसान शर्तों पर उनको नियमित किया जाएगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में अवैध रूप से बने पुराने मैरिज पैलेस औा बैंक्वेट हाॅल के संचालकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने इन मैरिज पैलेस और बैंक्वेट हॉल को कुछ शर्तें के अाधार पर नियमित करने का निर्णय किया है। सरकार ने मैरिज पैलेस को लाइसेंस देने के लिए कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने बैंक्वेट हॉल को जाने वाले संपर्क मार्ग की चौड़ाई की शर्त तीन मीटर तक घटा दी है। इसके अलावा मैरिज पैलेस के लिए निर्धारित स्थल का एरिया भी अब नहीं बढ़ाया जाएगा। इससे मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले मैरिज पैलेस और बैंक्वेट हॉल संचालकों को बड़ी राहत मिली है।
संपर्क मार्ग की शर्त में तीन मीटर की छूट, नौ मीटर रास्ते वाले मैरिज पैलेस वैध
प्रदेश के विभिन्न शहरों-कस्बों में बड़ी संख्या में ऐसे मैरिज पैलेस और बैंक्वेट हॉल हैं जिन्हें स्थानीय प्रशासन ने नियम पूरे नहीं करने के कारण तोड़-फोड़ का नोटिस थमा रखा था। इससे सहमे मैरिज पैलेस संचालकों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर कोई हल निकालने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों और एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा कर बैंक्वेट संचालकों की मांग के अनुरूप रास्ता निकाल लिया।
निर्धारित स्थल का एरिया बढ़ाने पर रोक, चार किस्तों में दे सकेंगे बाहरी विकास शुल्क
सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार ने पालिका के कोर एरिया में स्थित मैरिज पैलेस के लिए संपर्क मार्ग की शर्त नौ मीटर और कोर एरिया के बाहर 12 मीटर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मैरिज पैलेस के ग्राउंड का क्षेत्र भी नहीं बढ़ाया जाएगा।
एसोसिएशन द्वारा बाहरी विकास शुल्क को पंजाब के समान करने की मांग तो सरकार ने नहीं मानी, लेकिन इस राशि को साल में चार किश्तों में देने पर सहमति जताई है। ट्रेड लाइसेंस फीस को दस हजार रुपये से अधिक नहीं करने के लिए एसोसिएशन को पालिका स्तर पर ही मांगपत्र देना पड़ेगा। संबंधित पालिकाएं अपने क्षेत्र के अनुसार टे्रड लाइसेंस जारी करेंगी।
पांच साल से लटक रही थी तलवार
हरियाणा पालिका बिल्डिंग बाइलाज के तहत मैरिज पैलेस और बैंक्वेट हाल को लाइसेंस के लिए सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होनी जरूरी है। इसके अलावा संचालक को अग्निशमन सुरक्षा का प्रमाणपत्र भी लेना होता है। इसके विपरीत विभिन्न शहरों-कस्बों में खुले मैरिज पैलेस या बैंक्वेट हाल मानकों पर खरे नहीं उतर रहे। ऐसे में पांच साल से इन पर डीटीपी की तलवार लटकर रही थी।