बड़ा सवाल, हरियाणा रोडवेज क्यों है 680 करोड़ के घाटे में; सीएम भी चिंतित
हरियाणा रोडवेज का घाटा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार भी चिंतित है कि यह घाटा आखिरकार क्यों बढ़ता जा रहा है अौर इसे कैसे काबू में लाया जाए।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा रोडवेज का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। आज हालत यह है कि रोडवेज का घाटा बढ़कर 680 करोड़ रुपये हो गया है। ऐसे में सवाल उठता है यह घाटा लगातार क्यों बढ़ रहा है। इससे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी चिंतित है। इसके लिए सरकार परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली में बदलाव करने की तैयारी में है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अधिकारियों को घाटा कम करने का रोडमैप तैयार करने के आदेश दिया हैै।
अधिकारियों को दिए घाटा कम करने का रोडमैप तैयार करने के आदेश
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सुशासन सहयोगियों के बीच हुई बातचीत में रोडवेज के घाटे पर चिंता जाहिर की गई। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता भी इस बैठक में मौजूद रहे। सीएम को जानकारी दी गई कि पिछले साल तक रोडवेज का घाटा बढ़कर 680 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसे कम करने की बेहद जरूरत है।
हरियाणा के रोडवेज बेड़े में करीब 4500 बसें शामिल हैैं। लोगों की मांग और जरूरत के हिसाब से राज्य में करीब 10 हजार बसें और चाहिए, लेकिन राज्य सरकार किराये पर बसें लेकर चलाने को किफायती मान रही है। पहले चरण में 700 बसें किराये पर ली जा रही हैैं, लेकिन रोडवेज कर्मचारियों के नेता सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैैं। सरकार का मानना है कि बसों की खरीद और रखरखाव से ज्यादा किफायती बसों को किराये पर लेकर चलाने में हैैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अधिकारियों के साथ रोडमैप पर चर्चा की, लेकिन अभी इसे फाइनल करने में वक्त लगेगा। चार घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगियों ने जिलों में काम करते हुए अपने अनुभव तथा आ रही दिक्कतों की जानकारी दी।
11 हजार चालकों-परिचालकों को मिलेगी ट्रेनिंग
बैठक में जानकारी दी गई कि जागृति योजना के तहत हरियाणा में बस चालकों और परिचालकों को संवेदनशीलता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत 'सुरक्षित गाड़ी कार्यक्रम' शुरू होगा। नवंबर 2018 से जून 2019 तक 11 हजार रोडवेज चालकों एवं परिचालकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा लड़कियों के लिए सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए नूंह में 'बालिका शिक्षा वाहिनी' शुरू होगी।
श्मशान घाट बनाने में सामाजिक संगठनों की मदद
'शिवधाम नवीनीकरण योजना' के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी श्मशान घाटों एवं कब्रिस्तानों की चारदीवारी और फुटपाथ के निर्माण का कार्य तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जा सकती है।
ग्राम पंचायतों को मिलेंगे ई-शासन पुरस्कार
सुशासन सहयोगियों की बैठक में जानकारी दी गई कि ग्रामीण कार्य निगरानी प्रणाली के तहत जिला स्तर और राज्य स्तर पर तीन-तीन ग्राम पंचायतों को ई-शासन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ये पुरस्कार 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के अवसर पर दिए जाएंगे। इसके लिए पंचायत विभाग के अधिकारियों को तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैैं।