उठा बड़ा सवाल, कहीं मजहब के प्रचार से अलग तो नहीं था तब्लीगी जमातियों का मकसद
हरियाणा में तब्लीगी जमातियों के आने से हड़कंप की हालत है। जांच एजेंसियां जांच मे जुट गई है। सवाल यह भी उठ रहा है कि उनका मकसद धर्म प्रचार से अलग तो नहीं था।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा सरकार के निर्देश पर खुफिया तंत्र अब इस जांच में जुटा है कि तब्लीगी जमाती धर्म प्रचार से अलग तो किसी मकसद को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में नहीं फैले थे। दिल्ली निजामुद्दीन स्थित मरकज में धर्म प्रचार के लिए देश-विदेश से जमातियों को एकत्र करने से पहले तब्लीगी जमात कोरोना वायरस संक्रमण (काेविड-19) की वैश्विक महामारी से अनभिज्ञ नहीं थी।
विदेशी जमातियों के संपर्क में आए लोगों से पूछताछ में जुटा खुफिया तंत्र
खुफिया तंत्रों की जांच में यह भी सामने आया है कि तब्लीगी जमात ने फरवरी माह के अंत से 18 मार्च तक मलेशिया व इंडोनेशिया में भी अंतरराष्ट्रीय धर्म प्रचार एकत्रीकरण किया था। इस दौरान भी कोरोना वायरस संक्रमित जमातियों की पहचान हुई थी। बावजूद इसके दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में बड़ा एकत्रीकरण किया गया।
विदेशी जमातियों का मोबाइल फोन कॉल डिटेल रिकॉर्ड जाएगा खंगाला
तब्लीगी जमात के विदेशी प्रतिनिधि यूं तो वीजा लेकर भारत में धर्म प्रचार के लिए आए थे मगर इनका यह वीजा किस काम के लिए यह था, इसकी जांच तो केंद्रीय स्तर पर की जा रही है। साथ ही जिन राज्यों में ये विदेशी जमाती दिल्ली से गए,वहां की जांच एजेंसियों को यह भी निर्देश केंद्रीय स्तर पर मिले हैं कि इन जमातियों ने 13 से 29 मार्च तक की समयावधि के दौरान किन लोगों से बातचीत की।
क्वारंटाइन अवधि के बाद विदेशी जमातियों से भी होगी गहन पूछताछ
जांच में यह भी देखा जाएगा कि इन जमातियों की पाकिस्तान या दुबई में तो किसी आतंकी संगठन के प्रतिनिधि से कोई बातचीत नहीं हुई। इसके अलावा यह भी जांच होगी कि विदेशी जमाती कि संगठनात्मक दृष्टिकोण से अलग-अलग क्षेत्रों में भेजे गए थे। केस स्टडी के रूप में देखें तो पलवल जिला के हथीन कस्बे के पांच गांवों में जो 10 बंगलादेशी जमाती धर्म प्रचार के लिए गए थे, उनके साथ आसाम और बिहार के दो भाषा अनुवादक भी थे। इन 10 बंगलादेशियों में से तीन की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई है।
अगर मामला गंभीर हुआ तो रासुका संभव
दिल्ली से ये जमाती हरियाणा के पांच जिलों में आए। इनमें नूंह, पलवल,फरीदाबाद, पानीपत, अंबाला जिला शामिल हैं। सबसे ज्यादा संख्या में ये जमाती मेवात के नूंह जिला में आए। राज्य का खुफिया तंत्र यह भी जानकारी जुटाने में लगा है कि कुल 1200 जमातियों में से 107 जो विदेशी हैं, उनका संपर्क राज्य में किन लाेगों से हुआ।
असल में जिनसे इन विदेशी जमातियों का संपर्क हुआ, उनकी भी खुफिया तंत्र गहन जांच कराएगा। यदि जमातियों का मकसद धर्म प्रचार से अलग निकला तो निश्चित तौर पर हरियाणा सरकार भी इन विदेशी जमातियों और इनका सहयोग करने वाले भारतीयों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज कर सकती है।
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