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जमीन न मिलने से रुके बड़े प्रोजेक्ट, तीन हजार एकड़ की तत्काल जरूरत

हरियाणा सरकार की कई विकास परियोजनाएं जमीन न मिलने के कारण अधर में है। मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल द्वारा घोषित ये परियोजनाएं रुकी पड़ी हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 02:37 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 01:15 PM (IST)
जमीन न मिलने से रुके बड़े प्रोजेक्ट, तीन हजार एकड़ की तत्काल जरूरत
जमीन न मिलने से रुके बड़े प्रोजेक्ट, तीन हजार एकड़ की तत्काल जरूरत

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जमीन की कमी के कारण बड़े प्रोजेक्टों पर काम लटक गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अधिकतर घोषणाएं भी सिर्फ इसलिए पूरी नहीं हो पा रही, क्योंकि उनमें जमीन की जरूरत है। राज्य सरकार विवाद से बचने को किसानों की जमीन अधिग्रहण नहीं करना चाहती। इसलिए अब किसानों से सीधे जमीन बेचने का अनुरोध किया जा रहा है। हरियाणा सरकार उन्हीं किसानों से जमीन खरीदेगी, जो स्वेच्छा से अपनी जमीन की बिक्री को आगे आएंगे।

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एचएसआइआइडीसी ने किसानों से मांगे जमीन बेचने के प्रस्ताव

पूरे प्रदेश में हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) के जरिये सरकार किसानों से 3037 एकड़ जमीन खरीदना चाहती है। इसके लिए भूमि मालिकों और पैनल एग्रीगेटर से जमीन की बिक्री के लिए ऑनलाइन प्रस्ताव मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विदेश यात्रा से लौटते ही साफ कर दिया था कि विकास परियोजनाओं को तेजी से परवान चढ़ाने के लिए सरकार भूमि अधिग्रहण की जगह खुद जमीन खरीदेगी। इसी के तहत अलग-अलग जिलों में जमीन खरीद की योजना बनाई गई है।

भूमि अधिग्रहण व मुआवजा विवाद के चलते सरकार खरीदेगी खुद की जमीनें

गुरुग्राम व झज्जर के बहादुरगढ़ में एचएसआइआइडीसी 1202 एकड़ जमीन खरीदेगी। करनाल के कुटेल में चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग के लिए 28 एकड़ और कैथल व महेंद्रगढ़ में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए 11 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी।

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चरखी दादरी व पंचकूला में जेलों के लिए 100 एकड़, पानीपत में पर्यटन महकमे के लिए 15 एकड़ और रेवाड़ी में बिजली महकमे के लिए 0.20 एकड़ जमीन खरीदी जाएगी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को 63 एकड़ भूमि पंचकूला के विभिन्न गांवों और लोक निर्माण विभाग (बिल्डिंग एवं रोड) के लिए 802 एकड़ भूमि भिवानी, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, गुरुग्राम, पलवल, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़, मेवात, यमुनानगर, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और हिसार में खरीदी जानी है।

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सिंचाई विभाग के लिए 274 एकड़ भूमि भिवानी, अंबाला, करनाल, कैथल, जींद, झज्जर, फतेहाबाद, रेवाड़ी, सिरसा, सोनीपत और हिसार में ली जाएगी। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के लिए 240 एकड़ भूमि झज्जर, फतेहाबाद और सिरसा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के लिए 291 एकड़ भूमि कुरुक्षेत्र, जींद, झज्जर और पलवल तथा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के लिए 11 एकड़ जमीन जींद में खरीदी जाएगी।

किसानों को खुद करनी होगी अपनी जमीन बेचने की पेशकश

हरियाणा के जो भी किसान अथवा भू-स्वामी इन क्षेत्रों में अपनी-अपनी जमीनें सरकार को बेचना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जमीन बेचने की पेशकश खुद करनी होगी। यानी भू स्वामियों को सरकार को बताना होगा कि वे जमीन बेचना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें अपने प्रस्ताव डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.ईभूमिहरियाणा.ओआरजी.इन पर देने होंगे।


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