हरियाणा के लोगों को बड़ा चुनावी ताेहफा, मनोहर सरकार ने दी सीलिंग से राहत, ऐसे उठाएं लाभ
हरियाणा सरकार ने राज्य के आम लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने बिना नक्शा पास कराए बने व्यवसायिक भवनों को नियमित करने के लिए शुल्क तय कर दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। मनोलरलाल सरकार ने हरियाणा के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने शहरी क्षेत्र के लोगों और व्यापारियों के लिए बड़ी घोषणा की। राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र में बिना नक्शे बने व्यवसायिक भवनों की नियमित करने का फैसला किया है। सरकार ने ऐसे व्यवसायिक भवनों को नियमित करने के लिए शुल्क की दरें घोषित कर दी हैं। इससे लाेगों को ऊपर लटकी सीलिंग की तलवार हट गई है।
सीलिंग की लटकी तलवार हटी, इंस्पेक्टरी राज से भी मिलेगी मुक्ति
हरियाणा सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के उन 20 हजार लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है, जिन्होंने बिना नक्शा पास कराए अवैध ढंग से व्यवसायिक (कामर्शियल) भवनों का निर्माण कर रखा है। अकेले गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, पंचकूला और पानीपत में ऐसे भवन मालिकों की संख्या करीब दस हजार है।
राज्य की शहरी निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि राज्य सरकार ने आम लोगों आैर व्यापारियों की समस्या को देखते हुए बिना नक्शा पास कराए बने भवनों को नियमित करने का निर्णय किया है। इसके लिए दरों को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार लोग अब शुल्क का भुगतान कर अपने बिना नक्शा पास कराए व्यवसायिक भवनों को नियमित करा सकते हैं।
राज्य को पांच भागों में बांटकर नियमितीकरण की दरें घोषित
हरियाणा सरकार ने राज्य को पांच भागों में बांटते हुए भवन नियमितीकरण की अलग-अलग दरें निर्धारित की हैैं। सरकार के इस निर्णय से भवन मालिकों पर लटकी सीलिंग की तलवार हटने में काफी मदद मिलेगी। भवन निर्माण नियमित कराने के बाद मालिकों को दस साल के भीतर-भीतर बिल्डिंग कोड के मुताबिक निर्माण कार्यों में बदलाव करना होगा।
4658 से 7662 रुपये प्रति गज की दर पर नियमित होंगे निर्माण
सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन के अनुसार बिना नक्शा पास कराए बने कामर्शियल भवनों के निर्माणों को एक बार में नियमित करने की नीति पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। कविता जैन ने बताया कि गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में बना नक्शा पास कराए व्यवसायिक भवनों को नियमित करने की दर 7662 रुपये प्रति गज तय की गई है। फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र के लिए यह दर 6896 रुपये प्रति गज हाेगी। इसी तरह अन्य शहरी क्षेत्रों के लिए भी दरें निर्धारित कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि पंचकूला, अंबाला, करनाल, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, हिसार, यमुनानगर में बना नक्शा पास कराए व्यवसायिक भवनों को 6090 रुपये प्रति गज की दर से शुल्क का भुगतान कर नियमित करा सकते हैं। उन्हाेंने बताया कि राज्य के सभी नगर परिषद में इसकी दर 5304 रुपये प्रति गज होगी। नगरपालिका क्षेत्रों में यह दर 4658 रुपये प्रति गज होगी।
शहरी निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि पुनर्वास कालोनियों व रिहायशी कालोनियों में आवासीय भवनों को व्यवसायिक भवन में तब्दील कराने के शुल्क की दर में भी 50 फीसदी कमी की गई है। शहरी क्षेत्रों के माडल टाउन, चार मरला, आठ मरला, टीपी स्कीम, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में नियमतिकरण की दर वर्ष 2016 की नीति से की कम की गई है।
हरियाणा में 20 हजार अवैध कामर्शियल भवन होंगे नियमित
बता दें कि बिना नक्शा पास कराकर भवन निर्माण करने वाले हजारों लोग हर रोज भय के साये में रह रहे थे। बिल्डिंग इंस्पेक्टर उन्हें अक्सर तंग करते, जिस कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था और राज्य सरकार के खजाने में भी कोई राजस्व नहीं आ रहा था।
अवैध निर्माण को नियमित करने की पालिसी के बाद हरियाणा सरकार के खाते में राजस्व की बढ़ोतरी होने के साथ ही लोगों को इंस्पेक्टरों के भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। राज्य सरकार ने पुनर्वास कालोनियों के रिहायशी क्षेत्र से व्यवसायिक में बदलाव की दरों में भी 50 फीसदी की कमी की है। इस नीति को 2016 में राज्य सरकार ने मंजूर किया था, लेकिन इसके दामों को कम करने की मांग उठ रही थी।
रिहायशी भवन को कामर्शियल में बदलने के लिए देनी होंगी आधी दरें
शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के अनुसार राज्य में स्थापित पुनर्वास कालोनियां मसलन माडल टाउन, चार मरला, आठ मरला, टाउन प्लानिंग स्कीम और नगर सुधार मंडल के दायरे में आने वाले रिहायशी भवन को व्यवसायिक भवन में बदलाव की नीति 2016 में मंजूर की गई थी। सरकार ने अब इन बदलाव की दरों में 50 फीसदी की कमी कर दी है।
500 गज के भवनों को लाभ, दस साल में अपनाना होगा बिल्डिंग कोड
'' हरियाणा सरकार की नीति के अनुसार 500 वर्ग गज तक के भवन को ही आवेदन करने का अवसर मिलेगा। एक बार नियमितीकरण की नीति को मंजूरी देने के साथ-साथ भविष्य में ऐसे निर्माण न हों, इसके लिए विभाग पूरी सख्ती बरतेगा। विभाग द्वारा वीडियोग्राफी सर्वे भी करवाया जाएगां, ताकि भविष्य में अवैध भवनों के निर्माण पर अंकुश लगाते हुए हरियाणा बिल्डिंग कोड की अनुपालना सुनिश्चित की जाए। नियमतिकरण का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को दस वर्ष के अंदर अपने भवन में हरियाणा बिल्डिंग कोड के अनुरूप बदलाव भी करने होंगे।
- कविता जैन, शहरी निकाय मंत्री, हरियाणा।