राज्यसभा चुनाव: भाजपा सरकार के पास लीक हो गया था भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गेम प्लान, मनोहर लाल ने बनाई जीत की रणनीति
राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की जीत के लिए कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गेम प्लान पूरी तरह से तैयार कर दिया था लेकिन यह गेम प्लान लीक हो गया। इसके बाद मनोहर लाल सक्रिय हुए और जीत की रणनीति बनाई।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्यसभा चुनाव में यदि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गेम प्लान लीक नहीं होता तो कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की जीत तय थी। कांग्रेस के एक नेता ने ही बातों-बातों में अजय माकन की जीत का गणित सरकार के आदमियों को समझा दिया। इससे मुख्यमंत्री मनोहर लाल अलर्ट हो गए और उन्होंने खुद मोर्चा संभालते हुए भाजपा-जजपा व निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत के रास्ते खोल दिए।
कार्तिकेय शर्मा विधायकों का पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रणनीति के चलते चुनाव जीत गए और पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद कांग्रेस के अजय माकन चुनाव हार गए। गृह मंत्री अनिल विज ने तो यहां तक टिप्पणी की कि यदि माकन के बजाय हरियाणा में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला राज्यसभा का चुनाव लड़ते तो वोट क्रासिंग ज्यादा होती।
सुरजेवाला राजस्थान से चुनाव जीते हैं। अपनी जीत के बाद सुरजेवाला ने बयान दिया कि उन्हें जींद उपचुनाव लड़वाना कांग्रेस पार्टी का गलत फैसला था और मेरे द्वारा चुनाव लड़ने का निर्णय भी सही नहीं था। जींद उपचुनाव में सुरजेवाला पराजित हो गए थे।
हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच जबरदस्त रणनीतिक टकराव देखने को मिला। सूत्रों के अनुसार हुड्डा ने जननायक जनता पार्टी के दो विधायकों और एक निर्दलीय विधायक को कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के पक्ष में क्रास वोटिंग के लिए तैयार कर लिया था, लेकिन हुड्डा गुट के ही एक नेता ने भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी के इस गेम प्लान की जानकारी दे दी, जिसकी सूचना मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंच गई।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने अकेले-अकेले सभी जजपा व निर्दलीय विधायकों के साथ मुलाकात की। अपनी पार्टी के कुछ संदिग्ध विधायकों से भी मुख्यमंत्री ने मंत्रणा की। सभी से मुख्यमंत्री ने ठोंक-बजाकर भाजपा समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट देने का भरोसा लिया।
हुड्डा खेमे से यह वोट प्लान लीक होने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मोर्चा संभालते हुए न केवल कार्तिकेय शर्मा की जीत कराई, बल्कि कुलदीप बिश्नोई की एक क्रास वोटिंग के बाद एक कांग्रेस विधायक को वोट रद कराने के लिये तैयार भी कर लिया।
देखा जाए तो पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा और उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा भी निजी तौर पर अपने राजनीतिक रिश्तेदारों के जरिये कई विधायकों के संपर्क में थे। कार्तिकेय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के दामाद हैं। निर्दलीय विधायकों को एकजुट करने का काम नयनपाल रावत और रणजीत चौटाला ने किया।