कृषि कानूनों के खिलाफ भूपेंद्र सिंह हुड्डा करेंगे पैदल मार्च, दीपेंद्र नेे जारी किया किसानों के समर्थन में पत्र
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोमवार को कृषि कानूनों के विरोध में विधायकों के साथ पैदल मार्च करेंगे। वहीं राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के समर्थन में खुला पत्र लिख उनके आंदोलन का समर्थन किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के बीच कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में एक खुला पत्र जारी किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सौ दिन के आंदोलन में करीब 300 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन सरकार न तो इन किसानों के दिवंगत होने को शहादत मानने को तैयार है और न ही तीन कृषि कानून वापस लेने के मूड में दिखाई दे रही है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वह एक किसान के बेटे हैं और आखिरी दम तक किसानों के साथ संघर्ष में खड़े नजर आएंगे। इससे पहले विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ, बिगड़ती कानून व्यवस्था, पेट्रो पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी तथा महंगाई के विरुद्ध सोमवार को पैदल मार्च निकालने की बात कही है। हुड्डा के मीडिया सलाहकार सुनील परती ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के सभी विधायकों के साथ सोमवार को दोपहर एक बजे चंडीगढ़ स्थित हाई कोर्ट चौक से विधानसभा तक पैदल मार्च करते हुए सदन की कार्यवाही में भागीदारी करने पहुंचेंगे।
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राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों के नाम जारी एक पत्र में कहा कि हर रोज औसतन तीन किसानों ने अपनी जान गंवाई है, लेकिन सरकार ने असंवेदनशीलता की सभी हदें पार कर दी। सरकार यह जानते हुए भी कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं हैं, मात्र पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की मंशा से इन कानूनों को वापस नहीं ले रही है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब किसान नहीं चाहते कि तीन कृषि कानून लागू हों तो सरकार की इन्हें लागू करने की जिद समझ से परे की बात है। जाहिर है कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में है।
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दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुले पत्र में किसानों से उनके धैर्य और संयम की तारीफ की और साथ ही अनुरोध किया कि वह अपनी जान न दें। यह जान बेहद कीमती है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आत्म बलिदान या आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। पूरी कांग्रेस पार्टी खासकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मैं किसानों के साथ उनके संघर्ष में लगातार खड़े हैं। उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया कि वह किसानों से बातचीत के लिए अपने कदम बढ़ाए तथा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करे।
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