बदली लाइफ स्टाइल में हुड्डा ने राजनीति संग अध्यात्म व साहित्य से जाेड़ा नाता
काेरोना से जंग में लॉक डाउन के कारण प्रमुख हस्तियों का लाइफ स्टाइल बदल गया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बदले लाइफ स्टाइल में अध्यात्म व साहित्य से नाता जोड़ रहे हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए लागू Lock down के दाैरान पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अपनी जीवनशैलीव दिनचर्या में बदलाव किया है। हुड्डा अपने घर में हैं और किसी से नहीं मिल रहे हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बस फोन पर बातचीत होती है। इन दिनों राजनीति के संग उनका झुकाव अध्यात्म और साहित्य की ओर भी हुआ है।
जान रहे भागवत गीता के मर्म , गांधी परिवार की राजनीति और सफलता के मंत्र जान रहे हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा ही नहीं देश की राजनीति में जाना-पहचाना नाम हैं। उनके पिता रणबीर सिंह हुड्डा भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य थे तथा पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा तीन बार सांसद रहने के बाद अब पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं। हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हुड्डा हरियाणा विधानसभा में विपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं। अक्सर लोगों के बीच रहने वाले हुड्डा ने कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते आजकल खुद को कोरंटाइन किया हुआ है। वह लोगों से मुलाकात तो नहीं कर रहे, लेकिन फोन पर पूरे हरियाणा के लोगों के संपर्क में हैं।
हुड्डा ने हर जिले में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए अपने कार्यकर्ताओं की एक टीम बना दी है, जिसका नेतृत्व वहां के विधायक, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक कर रहे हैं। इस पूरी टीम को खुद हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा देख रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए हुड्डा ने अपनी नियमित दिनचर्या में काफी बदलाव किया है। हुड्डा आजकल अपने दिल्ली स्थित निवास पर हैं। लान टेनिस के शानदार खिलाड़ी ७२ वर्षीय हुड्डा आजकल यह खेल तो नहीं खेल रहे, लेकिन घर के लान में ही सुबह शाम की एक-एक घंटे की सैर कर रहे हैं।
दोपहर के समय पढ़ते हैं गीता, नरसिंह राव की किताब द इनसाइडर का कर रहे बारीकी से अध्ययन
हुड्डा ने खुद को आध्यात्म, राजनीति और सामाजिक विज्ञान से जोड़ा हुआ है। इन तीनों विषयों पर हुड्डा तीन अलग-अलग किताबें पढ़ रहे हैं। हुड्डा सुबह साढ़े छह बजे उठते हैं। एक घंटे की सैर करते हैं। लोगों से फोन पर बातचीत के बाद नाश्ते में पपीता, रोटी, हरी चटनी, मक्खन और दही खाते हैं। पहले हालांकि दोपहर में थोड़ा आराम कर लेते थे, लेकिन आजकल दोपहर में वह किताबें पढ़ते हैं। लंच बहुत हलका रहता है।
हुड्डा आजकल भागवत गीता का अध्ययन कर रहे हैं। उनके द्वारा पढ़ी जाने वाली दूसरी पुस्तक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. नरसिंह राव द्वारा लिखित 'द इनसाइडर' है। देश में आर्थिक सुधारों को लागू करने वाले नरसिंह राव कांगेस पार्टी से पहले 'गैर गांधी' प्रधानमंत्री थे। अपने निजी और राजनीतिक जीवन के अनुभवों पर उन्होंने 'द इनसाइडर' नाम की किताब लिखी थी। राव 'इनसाइडर' का सीक्वल भी लिखना चाह थे, लेकिन 2004 में उनका देहांत हो गया था। इस पुस्तक में कांग्रेस खासकर गांधी परिवार की राजनीति का पूरा हिसाब-किताब है, जिसे हुड्डा बारीकी से समझने की कोशिश कर रहे हैं।
डेेल कारनेगी की किताब के जरिये दोस्त बनाने और दूसरों पर प्रभाव जमाने की कला भी जान रहे पूर्व सीएम
हुड्डा ने फोन पर बताया कि वह 'हाऊ टू विन फ्रेंड्स' पुस्तक भी पढ़ रहे हैं, जिसके लेखक डेल कारनेगी हैं। इस किताब में नए दोस्त बनाने और दूसरों पर अपना प्रभाव जमाने की कला के फार्मूले दर्ज हैं। सफलता के करीब कैसे पहुंचा जा सकता है, इस किताब में बताया गया है। डेल कारनेगी अपनी एक किताब में कहते हैं कि यदि आपको भाग्य ने नींबू दिया है तो इसका शरबत बनाकर पी जाने की कला आपमें आनी चाहिए और हुड्डा आजकल इस किताब में यही सीख रहे हैं।
घीया के कोफते, गंगा जमुना फिल्म और ब्लैक टी
पूर्व सीएम हुड्डा शाम को सैर करने के बाद नौ से साढ़े नौ बजे के बीच डिनर कर लेते हैं। खाने में उन्हें घीया और घीया से बने कोफते पसंद हैं। शाम के समय ब्लैक टी पीते हैं। उसके साथ एक दो बिस्कुट हो जाता है। रात के खाने में दाल और रोटी भी होती है। खाली समय में हुड्डा टीवी भी देखते हैं। आजकल वह कुछ सीरीयल दे रखे हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने टीवी पर गंगा जमुना फिल्म देखी है।
दीपेंद्र कर रहे हुड्डा की टीम को कार्डिनेट
हुड्डा लोगों के बीच रहना पसंद करते हैं। महामारी के चलते आजकल लोगों से कटे हुए हैं और परिवार के साथ रहते हैं। उनकी धर्मपत्नी आशा हुड्डा उनकी सेहत का खास ख्याल रखती हैं। हुड्डा बताते हैं कि मेरे पास लोगों के फोन आते हैं। मैंने हर जिले में कुछ कार्यकर्ताओं की टीम बना दी है। रोहतक में बीबी बत्रा काम देखते हैं। नूंह में आफताब अहमद। इस तरह हर जिले बांट दिए। दीपेंद्र सभी को कार्डिनेट करते हैं। जहां लोगों को मदद खासकर खाने-पीने और रहने की दिक्कत आ रही है, वहां स्वयं खाना पहुंचाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर प्रशासन व सरकार की जानकारी में भी मामले लाए जा रहे हैं। हुड्डा रात को 11 से साढ़े 11 बजे के बीच सो जाते हैं।
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