भारती अरोड़ा करेंगी उगाही और छेड़छाड़ मामले की जांच
महानिदेशक मनोज यादव को निर्देश दिए हैं कि महिला आइपीएस से जांच करवाई जाए।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सैलून मैनेजर से छेड़छाड़ और उगाही के मामले में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव को निर्देश दिए हैं कि महिला आइपीएस से जांच करवाई जाए। जिसके बाद डीजीपी ने पुलिस महानिरीक्षक भारती अरोड़ा को मामले की जांच सौंप दी है। पंचकूला पुलिस द्वारा इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई न करने और महिला के सीआरपीसी की धारा 164 के बयान सार्वजनिक करने के बाद अब भारती अरोड़ा सभी पहलूओं पर दोबारा जांच करेंगी। सेक्टर-5 मनसा देवी कंप्लेक्स स्थित आइलैश ब्यूटी सैलून में एक होमगार्ड जश्नपाल द्वारा मनसा देवी कांप्लेक्स के थाना प्रभारी रविकांत शर्मा के कहने पर महिला मैनेजर से 10 हजार रुपये उगाही और छेडछाड़ की गई थी। मामले में सैलून मालिक पंकज शर्मा द्वारा शिकायत के बाद रविकांत एवं जश्नपाल पर केस दर्ज किया था। इस मामले का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने वीरवार को हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव से फोन पर प्रकरण के बारे में जानकारी ली। जिसके बाद पंचकूला पुलिस की कार्रवाई पर अनिल विज ने असंतोष जताया और किसी अन्य महिला आइपीएस से जांच करवाने के लिए कहा। अनिल विज ने साथ महिला के बयान सार्वजनिक करने पर पंचकूला के डीसीपी कमलदीप गोयल पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 10 दिसंबर को की थी शिकायत
मनोज यादव ने बताया कि शिकायत 10 दिसंबर को डीजीपी ऑफिस में पंकज शर्मा ने दी थी जिसके बाद कमिश्नर पंचकूला को मार्क की। उसके बाद पंकज शर्मा को बुलाकर स्टेटमेंट लिए गए और केस दर्ज करके होमगार्ड को गिरफ्तार किया था। एसएचओ को लाइन हाजिर किया। कॉपी बुक के हिसाब से पुलिस ने सब कुछ बिना समय गंवाए ठीक किया। पुलिस किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही। महिला ने इस मामले को स्पोर्ट नहीं किया, इसलिए अब जांच की जाएगी कि उस पर परिवार या पुलिस का कोई दबाव तो नहीं था। जांच होगी कि आखिर 24 घंटे में महिला अपने बयानों से पलट क्यों गई। डीजीपी बोले : हमारे पास मौजूद हैं सुबूत
डीजीपी ने कहा है कि भले ही महिला अपने बयानों से मुकर गई हो लेकिन पंकज शर्मा कायम हैं। मामला जब कोर्ट में जाएगा तो उसकी गवाही होगी। सुबूतों के तौर पर वीडियो फुटेज मौजूद हैं, पंकज के बयान हैं। यदि ऐसी बात सामने आई कि पुलिस ने महिला पर दबाव डाला है तो और सख्त कार्रवाई होगी। सीआरपीसी 164 में महिला के बयान करवाने जल्द से जल्द होने चाहिए। बयान कांफिडेंशल नहीं होते, बस महिला की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती, कंटेंट तो दे सकते। फिर भी जांच होगी कि महिला के मजिस्ट्रेट बयान सार्वजनिक क्यों किए गए। महिला मैनेजर के बयान पुलिस के पीआरओ की ओर से बुधवार को प्रेस नोट के जरिये सार्वनिक किए गए थे जिसमें महिला के मुकरने की बात लिखी गई थी। पुलिस ने होमगार्ड जश्नपाल को वीरवार को दोबारा कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। उससे अन्य स्थानों से उगाही के बारे में पूछताछ की जाएगी। पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर रविकांत जिसका नाम एफआइआर में लिया गया था, को निलंबित भी कर दिया गया है। मामले में आगे की जांच की जा रही है।