केंद्र सरकर ने कहा- संजीव चतुर्वेदी मामले में हरियाणा की याचिका के आधार सही नहीं
केंद्र सरकार ने कहा है कि आइएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी के खिलाफ याचिका का आधार सही नहीं था।
जेएनएन, चंडीगढ़। रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता आइएफएस अधिकारी व व्हिसल ब्लोअर संजीव चतुर्वेदी की अर्जी पर की गई इंक्वायरी व सिफारिशों के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका पर केंद्र ने बुधवार को जवाब दाखिल किया। केंद्र ने चतुर्वेदी का समर्थन करते हुए कहा कि याचिका में जो आधार बनाए गए हैं वे सही नहीं है।
केंद्र सरकार से हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर पूछा था कि क्या राज्य सरकार द्वारा किसी अधिकारी पर की जा रही कार्रवाई में केंद्र दखल दे सकता है। इस पर अपने जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों की अप्वाइंटिंग अथॉरिटी राष्ट्रपति व केंद्र सरकार होते हैं। इनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए भी राज्य को केंद्र से अनुमति लेनी होती है।
संजीव चतुर्वेदी आइएफएस अधिकारी थे और उनकी अपील अथॉरिटी मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायरंमेंट, फॉरेस्ट क्लाईमेट चेंज है। इसके साथ ही उन्होंने जो मेमोरेंडम भेजा था, वह कैबिनेट सेक्रेटरी को भेजा था। जो कमेटी बनाई गई, वह भी मंत्रालय के आदेशों पर बनाई गई थी। इस मामले में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग ने भी सीधे सीधे हरियाणा सरकार को घेरा।
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मंत्रालय ने कहा कि केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है कि यदि किसी नियम से किसी कर्मी को परेशानी हो रही है तो वह नियम में ढील दे सकता है। ऐसे में अब मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायरंमेंट और मिनिस्ट्री ऑफ पर्सोनल ने हरियाणा सरकार की याचिका पर चतुर्वेदी का पक्ष लिया है। हरियाणा सरकार ने इन दोनों जवाबों पर अपना रेप्लीकेशन दाखिल करने के लिए समय मांगा। इसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
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मामला 2007 का है। जब हरियाणा सरकार ने संजीव चतुर्वेदी को सस्पेंड करते हुए चार्जशीट किया था। अगस्त 2010 में उन्होंने प्रेसीडेंट और कैबिनेट सचिव भारत सरकार को रिप्रेजेंटेशन सौपी थी। इसके आधार पर गठित कमेटी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट सौंपी उसमें हरियाणा के कई अधिकारियों के खिलाफ टिप्प्णी करते हुए सीबीआइ जांच की सिफारिश की गई थी। इसी के खिलाफ हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।