Baroda Haryana by-election: आप ने अभी पूरी तरह नहीं खाेले पत्ते, राज्य में आधार बढ़ाने पर फोकस
Baroda Haryana by-election बरोदा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का साथ देना आम आदमी पार्टी के लिए मजबूरी है। दरअसल पार्टी ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। आप का कहना है कि उपचुनाव में पार्टी भाजपा को हराने वाले प्रत्याशी का साथ देगी।
जेएनएन, नई दिल्ली। Baroda Haryana by-election: हरियाणा में 3 नवंबर को होने वाले एकमात्र विधानसभा उपचुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अभी पूरी तरह अेन पत्ते नहीं खाेले हैं। वैसे, पार्टी ने साफ किया है कि वह भाजपा के प्रत्याशी को हराने मेें सक्षम उम्मीदवार काे अपना समर्थन देगी। आम आदमी पार्टी चूंकि दिल्ली व पंजाब को छोड़कर दूसरे राज्यों में उपचुनाव नहीं लड़ती है, इसलिए पार्टी ने हरियाणा के बरोदा हलकेे से उपचुनाव में कोई प्रत्याशी नहीं खड़ा नहीं किया। वैसे, 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। दूसरी ओर, आप का अब राज्य में अपना आधार बढ़ाने पर फोकस है।
आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी डा. सुशील गुप्ता का कहना है कि बरोदा उपचुनाव में पार्टी भाजपा को हराने वाले प्रत्याशी का साथ देगी। इससे पहले गुप्ता ने घोषणा की थी कि बरोदा में आम आदमी पार्टी पंचायती उम्मीदवार का साथ देगी। नामांकन पत्र वापस लेने की तारीख से पहले इस सीट पर कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर पंचायती उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए डा. कपूर चंद नरवाल को आप समर्थन देना चाह रही थी। अब कपूर नरवाल ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है, इसलिए आम आदमी पार्टी ने यह घोषणा की है कि जो उम्मीदवार भाजपा को हराएगा, पार्टी कार्यकर्ता उसके समर्थन में ही प्रचार करेंगे। डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि पार्टी ने यह फैसला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से चर्चा करने के बाद ही लिया है।
आप अब प्रत्येक शहर में लड़ेगी स्थानीय निकाय चुनाव
अपना जनाधार बढ़ाने को आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रत्येक शहर में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी। आप के प्रदेश प्रभारी डा. सुशील गुप्ता का कहना है कि जमीनी स्तर पर पार्टी का संगठन खड़ा करने के लिए यह जरूरी है कि प्रत्येक शहर में होने वाले निकाय चुनाव लड़े जाएं। उनका कहना है कि स्थानीय निकाय स्तर पर हरियाणा में बड़ा घोटाला है। ये घोटाले भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत के कारण उजागर नहीं हो पाते हैं। फरीदाबाद और गुरुग्राम में बिना काम करोड़ों रुपये का भुगतान हो गया मगर इन घोटालों के बारे में न भाजपा ही बोल रही है और न ही कांग्रेस।