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रक्तदान कर लोगों की जिंदगी बचा रहे आत्मप्रकाश आर्य

आत्मप्रकाश आर्य 53 बार रक्तदान कर कई लोगों की जिदगी बचा चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 03:49 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 03:49 PM (IST)
रक्तदान कर लोगों की जिंदगी बचा रहे आत्मप्रकाश आर्य
रक्तदान कर लोगों की जिंदगी बचा रहे आत्मप्रकाश आर्य

सौरव बत्रा, पिजौर : शहर के सैनी मोहल्ला निवासी आत्मप्रकाश आर्य 53 बार रक्तदान कर कई लोगों की जिदगी बचा चुके हैं। 69 वर्ष के आत्मप्रकाश को उनके इस महान कार्य के लिए 45 बार रक्तदान पूरा होने पर कालका उपमंडल द्वारा वर्ष 2016 में सम्मानित भी किया जा चुका है। पेशे से एचएमटी के ट्रैक्टर यूनिट में नौकरी कर चुके आत्मप्रकाश का जन्म हरियाणा के टोहाना में हुआ था। इसके बाद उनका बचपन सोनीपत में बीता। वहीं, 70 के दशक में वे एचएमटी में नौकरी मिलने पर पिजौर आ गए थे। पहली बार दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दिया था रक्त

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दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में आत्मप्रकाश आर्य ने बताया कि उन्हें शुरू से ही रक्तदान करने का शौक था। उन्हें अक्टूबर 1975 में सोनीपत आइटीआइ में उनके टीचर रहे ईश्वर सिंह हुड्डा ने उनके घर फोन कर बताया था कि सफदरजंग अस्पताल में किसी हादसे में घायल हुए व्यक्ति को रक्त की जरूरत है तो वे पहुंच गए थे। यह उनका पहला रक्तदान था। जहां भी वे रक्तदान करके आते थे, वहां अपने घर का पता और फोन नंबर दे आते थे। उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार को देते हैं। आपातकाल में अस्पताल में किया गया ज्यादा रक्तदान

आत्मप्रकाश आर्य ने बताया कि उन्होंने ज्यादा बार अस्पताल की कॉल पर ही रक्तदान किया है। एचएमटी में नौकरी करते हुए उन्हें अगर पता चलता था कि किसी जरूरतमंद को रक्त की जरूरत है तो वे अपने सीनियर अफसरों से इजाजत लेकर अस्पताल पहुंच जाते थे। टीवी पर संदेश देख खाना छोड़ पहुंच जाते थे पीजीआइ

आत्मप्रकाश ने बताया कि पिजौर में रहते हुए डीडी चैनल पर पीजीआइ में रक्तदान करने पहुंच गए थे। साथ में बैठी आत्मप्रकाश की पत्नी संतोष आर्या ने बताया कि यह खाना खाते-खाते बीच में छोड़कर रक्तदान करने के लिए भाग जाते थे। डॉक्टर के मना करने के बाद भी कर चुके हैं रक्तदान

आत्मप्रकाश आर्य की पत्नी संतोष ने बताया कि उनको रक्तदान का इतना शौक है कि वह ज्यादा उम्र के चलते डॉक्टर के मना करने के बाद भी 2-3 बार रक्तदान कर चुके हैं। कई संस्थाओं के हैं सदस्य

आत्मप्रकाश की समाजसेवा को पूरा शहर जानता है। वह लगातार 14 साल आर्य समाज के कैशियर रहे। आर्य समाज पिजौर के प्रधान भी रहे हैं। पंजाबी सभा अरोड़ा खत्री के कैशियर का जिम्मा भी आत्मप्रकाश संभाल चुके हैं। मौजूदा समय में वह भाजपा की जिला कार्यकारिणी व ट्रिब्यूनल कमेटी के सदस्य भी हैं।


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